राज्यसभा में उठा देश के पांच हवाई अड्डों के निजीकरण का मामला, माकपा का विरोध
देश के पांच हवाई अड्डों के निजीकरण की योजना का राज्यसभा में सोमवार को विरोध हुआ। माकपा सांसद केके रागेश ने सरकार को अपने फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग की।
नई दिल्ली, एजेंसी। देश के पांच हवाई अड्डों के निजीकरण की योजना का राज्यसभा में सोमवार को विरोध हुआ। शून्य काल में माकपा सांसद केके रागेश ने देश के पांच हवाईअड्डों का निजीकरण किए जाने का मुद्दा उठाया और सरकार से इस फैसले पर फिर से विचार करने की मांग की। बता दें कि इन पांचों हवाई अड्डों के ऑपरेटर की जिम्मेदारी अडाणी समूह (Adani Group) को देने की योजना है।
माकपा सांसद ने कहा कि केरल स्थित तिरूवनंतपुरम हवाईअड्डा (Thiruvananthapuram airports) राज्य सरकार की जमीन पर बनाया गया है। यह घाटे में भी नहीं चल रहा है। केरल सरकार ने इस हवाईअड्डे की जिम्मेदारी स्वयं उठाने की पेशकश की है। वह इस हवाई अड्डे को संचालित करने की इच्छुक है। इस बारे में केरल के मुख्यमंत्री ने हाल ही में नीति आयोग की बैठक के दौरान प्रधानमंत्री से बात भी की थी। यही नहीं इसे लेकर एक प्रस्ताव भी केंद्र को भेजा गया था लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।
केके रागेश ने कहा कि वह पांच हवाई हड्डों को अडाणी समूह को सौंपने का वह विरोध करते हैं। सरकार को देश के हवाईअड्डों का निजीकरण करने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए। जिन हवाई अड्डों का निजीकरण होना है उनमें लखनऊ, जयपुर, तिरुवनंतपुरम, मंगलूरू और अहमदाबाद शामिल हैं। इनके निजीकरण को लेकर लगाई गई बोली में अडाणी समूह विजेता के तौर पर उभरा है।
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