चुनाव के दौरान बाइक रैली और रोड शो पर रोक लगाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल
देश पहले ही चुनाव प्रचार के दौरान राजनैतिक रैली के दौरान हुए आतंकी हमले में अपने पूर्व प्रधानमंत्री को खो चुका है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल हुई है जिसमें चुनाव के दौरान रोड शो और मोटर साइकिल रैली निकालने पर रोक लगाने की मांग की गई है। कहा गया है कि इसे रोकने के लिए चुना आयोग को निर्देश दिया जाए। याचिका यूपी के पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह की ओर से दाखिल की गई है। हालांकि सोमवार को कोर्ट ने याचिका पर शीघ्र सुनवाई की मांग खारिज कर दी। अब मामले पर नियमित क्रम में सुनवाई होगी।
सोमवार को याचिकाकर्ता की ओर से मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की पीठ के समक्ष याचिका का जिक्र करते हुए मामले पर शीघ्र सुनवाई का आग्रह किया लेकिन कोर्ट ने अनुरोध ठुकरा दिया और नियमित क्रम में ही सुनवाई किये जाने की बात कही।
पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह और शैविका अग्रवाल ने वकील विराग गुप्ता के जरिये दाखिल याचिका में बढ़ते प्रदूषण और ट्रैफिक जाम की समस्या को उठाते हुए चुनाव के दौरान मोटर साइकिल रैली और रोड शो पर रोक लगाने की मांग की है। याचिका में कहा गया है कि रोड शो न सिर्फ कानून और चुनाव आयोग के निर्देशों का उल्लंघन करते हैं बल्कि इससे पर्यावरण में प्रदूषण बढ़ता है और आम जनता को परेशानी होती है।
याचिकाकर्ताओं का कहना है कि रैली और रोड शो के बारे में चुनाव आयोग के निर्देश हैं कि रैली में शामिल सभी वाहनों का ब्योरा दिया जाना चाहिए और जुलूस मे 10 से ज्यादा वाहन नहीं शामिल होने चाहिए। दो जुलूसों के बीच कम से कम 200 मीटर की दूरी होनी चाहिए। जुलूस में आधी से ज्यादा सड़क नहीं घेरी जा सकती। जुलूस में शामिल वाहनों और लोगों के बारे में पूर्व सूचना दी जानी चाहिए।
याचिकाकर्ता का कहना है कि चुनाव आयोग के ये निर्देश सिर्फ कागजों पर रहते हैं राजनैतिक दल धड़ल्ले से इनका उल्लंघन करते हैं। ज्यादातर रोड शो में स्टार प्रचारक शामिल होते हैं जिसमे विशेष रूप से खरीदे और तैयार किये गए वाहन जिन्हें रथ कहते हैं शामिल होते हैं। ये रथ जैसे वाहनों में सभी प्रकार की सुविधाएं होती हैं। ये बहुत मंहगे होते हैं और चुनाव खर्च की सीमा से बाहर होते हैं।
इतना ही नहीं ये रथ मोटर वेहिकल कानून का भी उल्लंघन करते हैं। और तो और इन रथों पर प्रचार करने वाले एसपीजी या एक्स, वाई, जेड श्रेणी की सुरक्षा पाने वालों की जान को भी खतरा होता है। इनकी सुरक्षा करना सुरक्षा एजेंसियों के लिए चुनौती होती है। इन पर आतंकी हमलों का भी खतरा रहता है। रथ के चारो ओर एकत्रित भीड़ को भी खतरा रहता है।
देश पहले ही चुनाव प्रचार के दौरान राजनैतिक रैली के दौरान हुए आतंकी हमले में अपने पूर्व प्रधानमंत्री को खो चुका है। देश का करोड़ों रुपया कुछ लोगों की सुरक्षा पर खर्च होता है। इसके अलावा इन रोड शो के दौरान ट्रैफिक जाम होता है जिससे वायु प्रदूषण बढ़ता है।