सरकार के वार पर राहुल गांधी का पलटवार, कहा- संसद चलाना विपक्ष नहीं, सरकार की जिम्मेदारी
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने पलटवार करते हुए कहा है कि सदन को चलाने की जिम्मेदारी सरकार की होती है। सरकार में हिम्मत है तो वह विपक्ष को किसानों और लखीमपुर खीरी से लेकर तमाम ज्वलंत मुद्दों को उठाने दे और सदन में बहस कराए।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। विपक्ष पर संसद नहीं चलने देने के सरकार के वार पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने पलटवार करते हुए कहा है कि सदन को चलाने की जिम्मेदारी सरकार की होती है। सरकार में हिम्मत है तो वह विपक्ष को किसानों और लखीमपुर खीरी से लेकर तमाम ज्वलंत मुद्दों को उठाने दे और सदन में बहस कराए। सरकार की ओर से विपक्ष पर सदन को बाधित करने के आरोपों का ट्वीट के जरिये जवाब देते हुए राहुल ने कहा, यह कैसी सरकार है, जिसे सदन को संभालना नहीं आता? महंगाई, लखीमपुर खीरी, लद्दाख, पेगासस, निलंबित सांसद जैसे मुद्दों पर हमारी आवाज की बुलंदी नहीं रोक सकते। हिम्मत है तो होने दो चर्चा।
संसद के गतिरोध के लिए सरकार जिम्मेदार
इससे पहले लखीमपुर खीरी कांड को लेकर लोकसभा की कार्यवाही बाधित होने के बाद संसद परिसर में पत्रकारों से बातचीत के दौरान राहुल ने लोकतंत्र पर लगातार प्रहार किए जाने का मुद्दा उठाया। कहा कि लोकसभा में लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के बारे में कार्यस्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया था। लद्दाख में इस मसले पर लोगों में काफी गुस्सा और दर्द है। सदन में इस मुद्दे को वे उठाना चाहते थे, मगर सरकार ने उठाने नहीं दिया।
संसद के गतिरोध के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए राहुल ने कहा कि किसानों का मसला हो, राज्यसभा में हमारे सांसदों के निलंबन का मसला हो या अन्य महत्वपूर्ण मामले। हमें इन्हें उठाने नहीं दिया जा रहा और सदन नहीं चलने देने की जवाबदेही विपक्ष पर थोपने की कोशिश की जा रही है। संसदीय नियमों का हवाला देते हुए राहुल ने कहा कि सदन चलाने की जिम्मेदारी विपक्ष की नहीं सरकार की होती है।