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शीतकालीन सत्र : वोटर लिस्ट को आधार से जोड़ने का विधेयक लोकसभा में पेश करने की तैयारी में सरकार

चुनाव सुधारों की दिशा में बड़ा कदम उठाने की ओर बढ़ रही सरकार ने वोटर लिस्ट को आधार से जोड़ने का विधेयक सोमवार को लोकसभा में पेश करने की तैयारी कर ली है। चुनाव सुधारों से जुड़े इस प्रस्तावित बदलाव को कैबिनेट की मंजूरी मिल चुकी है।

By TaniskEdited By: Published: Sat, 18 Dec 2021 08:55 PM (IST)Updated: Sat, 18 Dec 2021 11:08 PM (IST)
शीतकालीन सत्र : वोटर लिस्ट को आधार से जोड़ने का विधेयक लोकसभा में पेश करने की तैयारी में सरकार
मतदाता सूची में नाम के दोहराव और फर्जी मतदान रोकने में होगी सुविधा।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। चुनाव सुधारों की दिशा में बड़ा कदम उठाने की ओर बढ़ रही सरकार ने वोटर लिस्ट को आधार से जोड़ने का विधेयक सोमवार को लोकसभा में पेश करने की तैयारी कर ली है। वोटर लिस्ट को आधार से जोड़ने का उद्देश्य किसी व्यक्ति के एक से अधिक जगह पर मतदाता सूची में नाम दर्ज कराने की खामी पर रोक लगाकर फर्जी मतदान की गुंजाइश खत्म करना है।

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केंद्रीय कैबिनेट ने इसी बुधवार को चुनाव सुधारों से जुड़े इस विधेयक के मसौदे को अपनी मंजूरी दी थी और सरकार ने बिना देरी किए शीत सत्र में ही इसे पेश करने का एजेंडा तय कर लिया है। इस विधेयक के मसौदे में स्पष्ट है कि फर्जी मतदान और वोटर लिस्ट में दोहराव रोकने के लिए मतदाता कार्ड और सूची को आधार से जोड़ा जाएगा। इस विधेयक के कानून बनते ही चुनाव सुधारों की दिशा यह एक अहम कदम जुड़ जाएगा।

लंबे समय से मतदाता सूचियों के दोहराव और एक से अधिक मतदाता पहचान पत्र की शिकायतें की जा रही हैं। आधार को मतदाता पहचान पत्र से जोड़े जाने के बाद वोटर केवल एक ही जगह मतदाता सूची में अपना नाम रख सकता है। दोहराव की कोशिश आधार नंबर से पकड़ में आ जाएगी।

मतदाता पहचान पत्र को आधार से जोड़ने की प्रक्रिया का पायलट प्रोजेक्ट के रूप में अध्ययन करने के बाद चुनाव आयोग ने इसे राष्ट्रीय स्तर पर लागू करने का सुझाव केंद्र को भेजा था। उसी के अनुरूप सरकार यह विधेयक ला रही है।

चुनाव सुधारों से जुड़े इस विधेयक में यह भी प्रविधान किया जा रहा है कि नए युवा मतदाताओं को जोड़ने के लिए साल में एक बार एक जनवरी की कट आफ तारीख की बजाय अब साल में चार कटआफ तारीख होंगी। एक जनवरी, एक अप्रैल, एक जुलाई और एक अक्टूबर अर्थात इन महीनों के दौरान 18 साल की उम्र पूरा कर रहे युवाओं को वोटर लिस्ट में शामिल होने के लिए ज्यादा इंतजार नहीं करना होगा।

विधेयक में यह भी प्रस्ताव है कि ¨लग भेद को मिटाने की पहल के तहत मतदाता सूची में पत्नी की जगह अब जीवन साथी (स्पाउज) शब्द का प्रयोग किया जाएगा। शीत सत्र में अब केवल पांच कार्य दिवस बचे हैं और लोकसभा में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र की लखीमपुर खीरी कांड में कथित भूमिका को लेकर विपक्ष उनका इस्तीफा मांगते हुए संग्राम कर रहा है। वहीं राज्यसभा में 12 विपक्षी सांसदों के निलंबन का गतिरोध कायम है। ऐसे में सरकार चुनाव सुधार से जुड़ा यह विधेयक मौजूदा सत्र में पेश तो कर देगी मगर इसे दोनों सदनों से पारित कराने के लिए उसे खासी मशक्कत करनी पड़ेगी।

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