Move to Jagran APP

दस दिन में ही खत्म हो रहा मानसून सत्र, अनिश्चितकाल के लिए सदन स्थगित करने का फैसला

महामारी के बढ़ते मामलों को देखते हुए मात्र दस दिन के बाद ही संसद की कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने का फैसला लिया गया है। राज्यसभा में गृह राज्यमंत्री वी मुरलीधरन ने इस बात की जानकारी दी।

By Monika MinalEdited By: Published: Wed, 23 Sep 2020 11:41 AM (IST)Updated: Wed, 23 Sep 2020 11:41 AM (IST)
दस दिन में ही खत्म हो रहा मानसून सत्र, अनिश्चितकाल के लिए सदन स्थगित करने का फैसला
सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने का लिया गया फैसला

नई दिल्ली, आइएएनएस।  कोविड-19 महामारी के मद्देनजर  निर्धारित समय से एक सप्ताह पहले ही बुधवार को राज्यसभा की कार्यवाही को अनिश्चित काल के लिए स्थगित करने का फैसला लिया गया। देश में कोविड-19 के मामलों में तेजी से बढ़त देखी जा रही है और इसलिए सांसदों की सुरक्षा को देखते हुए यह फैसला लिया जा रहा है। गृह राज्यमंत्री वी मुरलीधरन ने राज्यसभा को इस बात की जानकारी दी।

prime article banner

बता दें कि 14 सितंबर से शुरू होने वाले मानसून सत्र को 1 अक्टूबर तक चलना था लेकिन महामारी के मामलों को देश में बढ़ता हुआ देख संसद की कार्यवाही को दस दिनों में ही समाप्त करना पड़ा।

उन्होंने कहा, 'मुझे सांसदों को सूचित करना है कि सरकार ने फैसला किया है कि वो आज  सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने का सिफारिश करेगी। लेकिन लोकसभा में कुछ महत्वपूण विधायी कार्य शेष है जिसे पारित करने के बाद ही सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किया जाएगा।' उल्लेखनीय है कि मंगलवार को सदन में विपक्षी पार्टियों ने कार्यवाही का बहिष्कार किया और बेंच खाली पड़े थे। इस सबके बीच सदन की कार्यवाही चलती रही और कई महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित किया गया।

लोकसभा की भी कार्यवाही आज तीन घंटे की देरी से शाम 6 बजे शुरू की जाएगी। महत्वपूर्ण विधायी कार्यों को निपटाने के बाद सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी जाएगी। उल्लेखनीय है कि 14 सितंबर से शुरू होने वाले संसद के मानसून सत्र के आरंभ में ही अनेकों सांसदों के कोविड-19 संक्रमित होने के मामले सामने आए जिससे जोखिम अधिक बढ़ गया। हालातों को देखते हुए सरकार ने संसद के सत्र को मात्र दस दिनों में ही खत्म करने की सिफारिश की।

बता दें कि कृषि विधेयक पारित होने पर विपक्षी दलों के विरोध करने के अलावा NDA के घटक दल शिरोमणि अकाली दल (Shiromani Akali Dal-SAD) ने भी विरोध किया और मंत्री पद से इस्तीफा तक दे दिया। हरसिमरत कौर बादल (Harsimrat Kaur Badal) ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.