रामदास आठवले बोले- राज्यसभा को गुलाम नबी आजाद की जरूरत, कांग्रेस वापस नहीं लाई तो हम लाएंगे
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद समेत जम्मू कश्मीर के चार राज्यसभा सांसदों को उनका कार्यकाल खत्म होने पर आज विदाई दी गई। इस दौरान रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (RPI) के प्रमुख रादास आठवले ने आजाद को विदाई देते हुए उनकी तारीफ की।
नई दिल्ली, एजेंसियां। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद समेत जम्मू कश्मीर के चार राज्यसभा सांसदों को उनका कार्यकाल खत्म होने पर आज विदाई दी गई। जिन सांसदों को विदाई दी गई उनमें कांग्रेस के गुलाम नबी के अलावा शमशेर सिंह, मीर मोहम्मद फैयाज और नजीर अहमद लवे शामिल हैं। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन चारों सांसदों के योगदान के लिए धन्यवाद कहा। इस दौरान रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (RPI) के प्रमुख रादास आठवले ने आजाद को विदाई देते हुए उनकी तारीफ की।
आठवले ने कहा कि सदन में आपको वापस आना चाहिए। अगर कांग्रेस आपको नहीं लाती है, तो हम ऐसा करने के लिए तैयार हैं। इस सदन को आपकी जरूरत है। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्यसभा में कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद के साथ अपने करीबी संबंध के बारे में याद करते हुए भावुक हो गए। उन्होंने इस दौरान कहा कि आजाद की जगह लेना किसी के लिए भी मुश्किल होगा। वे देश और सदन की भी उतनी ही परवाह करते थे, जितनी अपनी पार्टी की।
गुलाम नबी आज़ाद ने कहा कि वे भारतीय मुस्लिम होने पर गर्व महसूस करते हैं। मुस्लिमों को इस देश पर गर्व होना चाहिए, लेकिन बहुसंख्यक समुदाय को अल्पसंख्यकों की बेहतरी के लिए कदम उठाने चाहिए। उन्होंने कहा कि वे 41 वर्षों तक संसद और राज्य विधानसभा में रहे और उन्हें इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, सोनिया गांधी और राहुल गांधी के साथ काम करने का मौका मिला। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने उन्हें ज्योति बसु सहित कई बड़े नेताओं के साथ बातचीत करने का मौका दिया।
राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने भी उम्मीद जताई कि गुलाम नबी आजाद जल्द ही सदन के लिए फिर से चुने जाएंगे। इस अवसर एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि आजाद देश के सबसे अनुभवी नेता हैं और कई मंत्रालय संभाले हैं। उन्होंने यह भी कहा कि आजाद ने सदन में विपक्ष के नेता के कद को उठाया। रिटायर हो रहे सांसदों ने सदन से आग्रह किया कि जम्मू-कश्मीर के मुद्दों पर विचार किया जाना चाहिए और यहां के लोगों के लाभ के लिए जल्द ही राज्य की बहाली की जानी चाहिए।