सांसदों के वेतन में एक साल तक होगी 30 फीसद की कटौती, बिल को संसद की मंजूरी
विपक्षी सांसदों ने सरकार से दो साल के लिए एमपीलैड योजना स्थगित करने के फैसले पर पुनर्विचार करने और उसे बहाल करने का आग्रह किया।
नई दिल्ली, प्रेट्र। कोरोना महामारी से लड़ाई के लिए जरूरी वित्तीय संसाधन जुटाने के लिए सांसदों के वेतन में एक साल तक 30 फीसद कटौती का विधेयक संसद से पारित हो गया है। चर्चा के दौरान विपक्षी सांसदों ने सरकार से दो साल के लिए एमपीलैड योजना स्थगित करने के फैसले पर पुनर्विचार करने और उसे बहाल करने का आग्रह किया।राज्यसभा ने शुक्रवार को संसद सदस्यों के वेतन, भत्ते एवं पेंशन (संशोधन) विधेयक, 2020 को पारित कर दिया। लोकसभा इस विधेयक को मंगलवार को ही पारित कर चुकी है।
सरकार ने अप्रैल में इस संबंध में अध्यादेश जारी किया था। उच्च सदन ने मंत्रियों के वेतन एवं भत्ते (संशोधन) विधेयक, 2020 को भी मंजूरी दे दी। सदन ने दोनों विधेयकों को ध्वनिमत से पारित किया।इसके अलावा राज्यसभा ने केंद्रीय होम्योपैथी परिषद और भारतीय औषधि केंद्रीय परिषद से जुड़े अध्यादेशों के स्थान पर दो विधेयकों को पारित कर दिया। होम्योपैथी केंद्रीय परिषद (संशोधन) विधेयक, 2020 में केंद्रीय होम्योपैथी परिषद के गठन का समय एक वर्ष बढ़ाने का प्रावधान किया गया है। जबकि भारतीय औषधि केंद्रीय परिषद (संशोधन) विधेयक, 2020 में केंद्रीय परिषद के पुनर्गठन का समय एक वर्ष बढ़ाने का प्रावधान किया गया है। इस अंतरिम समय अवधि में कामकाज के लिए निदेशक बोर्ड की व्यवस्था की गई है।
राज्यसभा में पेश हुआ था बिल
केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी और प्रहलाद जोशी ने शुक्रवार को राज्यसभा में मंत्रियों वेतन और भत्ते (संशोधन) विधेयक, 2020 और संसद सदस्यों के वेतन, भत्ते और पेंशन विधेयक (2020) को पेश किया। राज्यसभा में बोलते हुए, केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि वह केंद्रीय गृह मंत्रालय अमित शाह की ओर से विधेयक को आगे बढ़ा रहे थे।
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी ने राज्यसभा में कहा, 'इस महामारी को नियंत्रित करने और राहत प्रदान करने के लिए केंद्र सभी तरीकों पर काम कर रहा है। इस संशोधन के तहत, 1 अप्रैल, 2020 से मार्च 2021 तक के सांसदों, मंत्रियों के वेतन और भत्ते में 30 प्रतिशत की कटौती होगी। सभी सांसदों ने सर्वसम्मति से इस विधेयक को पारित किया।