तमिलनाडु में पलानीस्वामी अन्नाद्रमुक विधायक दल के नेता चुने गए, नेता प्रतिपक्ष बनना तय
तीन घंटे तक चली बैठक में सर्वसम्मति से अन्नाद्रमुक विधायक दल के नेता पूर्व मुख्यमंत्री पलानीस्वामी को चुन लिए गए। पलानीस्वामी और पनीरसेल्वम दोनों ने एक संयुक्त बयान में कहा कि यह फैसला सर्वसम्मति से लिया गया है।
चेन्नई, प्रेट्र। पूर्व मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी सोमवार को करीब तीन घंटे तक चली बैठक में सर्वसम्मति से अन्नाद्रमुक विधायक दल के नेता चुन लिए गए। इसके साथ ही उनका तमिलनाडु विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बनना तय हो गया है।
विधायक दल का नेता चुनने के लिए नवनिर्वाचित विधायकों की हुई दूसरी बैठक
विधायक दल का नेता चुनने के लिए नवनिर्वाचित विधायकों की तीन दिन में यह दूसरी बैठक थी। पार्टी का एक धड़ा पलानीस्वामी और दूसरा धड़ा पार्टी के समन्वयक ओ. पनीरसेल्वम को सदन में पार्टी का नेतृत्व सौंपने की वकालत कर रहा था।
पलानीस्वामी विधायक दल के नेता चुने गए: फैसला सर्वसम्मति से लिया गया
बैठक के बाद पार्टी ने एक बयान में पलानीस्वामी को विधायक दल का नेता चुने जाने की घोषणा की। पलानीस्वामी और पनीरसेल्वम दोनों ने एक संयुक्त बयान में कहा कि यह फैसला सर्वसम्मति से लिया गया है। विधायकों ने सात मई को भी बैठक की थी, लेकिन उस बैठक में विधायक दल का नेता चुने जाने पर आम सहमति नहीं बन पाई थी।
एआईएडीएमके ने विधानसभा चुनाव में 66 सीटों पर जीत दर्ज की थी
गौरतलब है कि एआईएडीएमके ने तमिलनाडु विधानसभा की 234 सीटों में से 66 सीटों पर जीत दर्ज की थी जबकि उसकी सहयोगी पीएमके ने 5 और बीजेपी ने 4 सीटें जीती थीं।
शशिकला और उनके भतीजे दिनाकरन को 2017 में पार्टी से निकाल दिया गया था
शशिकला और उनके भतीजे टीटीवी दिनाकरन को वर्ष 2017 में पार्टी से निकाल दिया गया था। राज्य में हाल ही में 234 सदस्यीय विधानसभा चुनाव में अन्नाद्रमुक 66 सीटों पर विजयी रही है। राज्य के पश्चिमी इलाके के नतीजों से साफ हो गया कि पलानीस्वामी के गृह इलाके में अन्नाद्रमुक अब भी मजबूत है। तमिलनाडु के दक्षिणी क्षेत्र स्थित थेनी जिले से पनीरसेल्वम आते हैं और यहां पर प्रतिद्वंद्वी डीएमके से पार्टी को हार मिली है। खबर है कि इन तथ्यों से पलानीस्वामी की दावेदारी मजबूत हुई।
पनीरसेल्वम से विपक्ष का नेता ‘बनने’ की मांग
विधायकों की बैठक के मद्देनजर अन्नाद्रमुक मुख्यालय और परिसर में कुछ कार्यकर्ता एकत्रित हो गए। दीवारों पर कुछ पोस्टर लगे दिखे, जिसमें पनीरसेल्वम से विपक्ष का नेता ‘बनने’ की मांग की गई थी। वहीं, पलानीस्वामी के समर्थक उनके चयन को लेकर आश्वस्त दिखे। इसी तरह से पार्टी कार्यालय के पास कुछ पोस्टर वीके शशिकला को ‘स्थायी महासचिव’ बनाए जाने के पक्ष में भी नजर आए और कई में उन्हें पार्टी का नेतृत्व सौंपने की मांग भी की गई।
चयन के बीच पार्टी में उभरा मतभेद
इसके बाद, पार्टी के नेता तमिलनाडु विधानसभा के सचिव के. श्रीनिवासन से मिले और उन्हें पलानीस्वामी के चयन को लेकर एक पत्र सौंपा। विधायकों ने सात मई को भी बैठक की थी, लेकिन उस बैठक में विधायक दल का नेता चुने जाने पर आम सहमति नहीं बन पाई थी। पार्टी में मुख्यालय में सोमवार को जब बैठक जारी थी, तब सोशल मीडिया पर कुछ खबरों में यह भी दावा किया गया कि मतभेदों को दूर करने के लिए विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष पी. धनपाल के नाम पर भी विचार किया जा रहा है।