पाकिस्तान ने इस साल 3,186 बार तोड़ा सीजफायर, सरकार ने राज्य सभा में जानकारी दी
सरकार ने राज्यसभा में बताया कि इस साल सात सितंबर तक जम्मू रीजन में एलओसी Line of Control LoC) पर सीजफायर की 3186 घटनाएं हुई हैं।
नई दिल्ली, एजेंसियां। सरकार ने राज्यसभा में बताया कि इस साल पहली जनवरी से सात सितंबर तक जम्मू रीजन में एलओसी Line of Control, LoC) पर सीजफायर की 3,186 घटनाएं हुई हैं। केंद्र ने यह भी बताया कि संघर्ष विराम उल्लंघन के अलावा इस साल 31 अगस्त तक जम्मू क्षेत्र में भारत-पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय सीमा के साथ दुश्मन देश की ओर से गोलीबारी की 242 घटनाएं हुई हैं। रक्षा राज्य मंत्री श्रीपद नाईक ने सीएम रमेश के सवाल पर एक लिखित जवाब में बताया कि इस साल सात सितंबर तक जम्मू-कश्मीर में आठ घातक हताहत और दो गैर-घातक हताहत घटनाएं हुई हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि जम्मू और कश्मीर में अंतर्राष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा पर बीएसएफ के पांच जवान हताहत हुए हैं। सेना ने पाकिस्तान की ओर से किए गए सभी संघर्ष विराम उल्लंघनों का करारा जवाब दिया है। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि युद्धविराम उल्लंघन के सभी मामले हॉटलाइन, फ्लैग मीटिंग, सैन्य संचालन महानिदेशालय के साथ दोनों देशों के बीच राजनयिक चैनलों के स्थापित तंत्रों के जरिए पाकिस्तानी अधिकारियों के सामने उठाए जाते हैं। उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान आए दिन सीमा पार से फायरिंग की घटनाओं को अंजाम दे रहा है।
वहीं लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने भारत-चीन सीमा पर तनाव के मसले को उठाने की कोशिश की। हालांकि लोकसभा अध्यक्ष ने उनसे इस विषय को कार्य मंत्रणा समिति (बीएसी) की बैठक में उठाने के लिए कहा। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि यह एक बेहद संवेदनशील मसला है जिसको गंभीरता के साथ उठाया जाना चाहिए। वहीं कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि मैं सरकार और रक्षा मंत्री का ध्यान ऐसे मुद्दे की ओर दिलाना चाहता हूं जो कई महीनों से हमारे सामने है। देश के लोग सीमा पर हालात को लेकर चिंतित हैं। हम इस पर चर्चा कराने की मांग करते हैं।
दूसरी ओर केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक (Ramesh Pokhriyal Nishank) ने सोमवार को बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत आरक्षण के मौजूदा प्रावधानों को संशोधित करने की कोई योजना नहीं है। निशंक ने लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में बताया कि आरक्षण नीति को संशोधित करने का कोई प्रावधान नहीं है। शिक्षा मंत्री से पूछा गया था कि क्या नई शिक्षा नीति के तहत आरक्षण के प्रावधानों को संशोधित करने की कोई योजना है..?