Move to Jagran APP

पद्म अवार्ड पर सियासत: गुलाम नबी आजाद को लेकर दो धड़ों में बंटी कांग्रेस, जयराम रमेश ने कसा तंज!

कांग्रेसी नेता गुलाम नबी आजाद को पद्म भूषण पुरस्कार देने के ऐलान पर कांग्रेस के कई नेताओं ने अपनी राय व्यक्त की है। अब जयराम रमेश ने ट्विट कर गुलाम नबी आजाद पर तंज कसा उन्होंने ट्वीटर पर लिखा “सही कदम उठाया वह आजाद रहना चाहते हैं न कि गुलाम’।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Wed, 26 Jan 2022 05:36 PM (IST)Updated: Thu, 27 Jan 2022 09:09 AM (IST)
पद्म अवार्ड पर सियासत: गुलाम नबी आजाद को लेकर दो धड़ों में बंटी कांग्रेस, जयराम रमेश ने कसा तंज!
कपिल सिब्बल गुलाम नबी आजाद जयराम रमेश।

नई दिल्ली, एएनआइ। गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर जैसे ही पद्म पुरस्कारों के नामों का ऐलान किया गया। वैसे ही इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस नेताओं की तीखी प्रतिक्रिया आनी शुरु हो गई। कांग्रेसी नेता गुलाम नबी आजाद को पद्म भूषण पुरस्कार देने के ऐलान पर कांग्रेस के कई नेताओं ने अपनी राय व्यक्त की अब जयराम रमेश ने ट्विट कर गुलाम नबी आजाद पर तंज कसा, उन्होंने ट्वीटर पर लिखा, 'सही कदम उठाया, वह आजाद रहना चाहते हैं, न कि गुलाम’। हालांकि कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने पद्म भूषण पुरस्कार दिए जाने पर कोई बयान नहीं दिया है।

loksabha election banner

दरअसल, पद्म पुरस्कारों की घोषणा के बाद से ही कांग्रेस दो टुकड़ों में बंट गया है, जहां गांधी परिवार के करीबी और राज्यसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक जयराम रमेश ने पुरस्कार स्वीकार करने के लिए आजाद पर कटाक्ष किया है। वहीं जी -23 समूह के दिग्गजों ने गुलाम नबी आजाद को पद्म भूषण पुरस्कार देने के ऐलान पर उन्हें इस पुरस्कार का योग्य बताया है।

दरअसल, पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य को भी पद्म भूषण देने का ऐलान किया गया, लेकिन सीपीएम के वरिष्ठ नेता ने यह सम्मान स्वीकार करने से इनकार कर दिया। भट्टाचार्य के इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ट्विटर पर लिखा, ‘सही कदम उठाया, वह आजाद रहना चाहते हैं, न कि गुलाम’।

वहीं, जयराम रमेश के ट्वीट से कांग्रेस के कई दिग्गज नाखुश नजर आ रहे हैं। G-23 नेताओं में से एक ने  बताया कि यह बहुत ही आश्चर्यजनक है कि उनकी ओर से ऐसा संदेश दिया गया है। गुलाम नबी आज़ाद ने जनता के लिए बहुत कुछ किया है। वह इंदिरा गांधी के मंत्रिमंडल में मंत्री थे। वह देश के सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले कैबिनेट मंत्रियों में से एक रहे हैं, और पुरस्कार किसी विशेष पार्टी से नहीं हैं। यह बहुत बुरा है कि उन्हें इस विवाद में घसीटा जा रहा है।

आपको बता दें कि, कांग्रेस नेता और पूर्व कानून मंत्री कपिल सिब्बल ने गुलाम नबी आजाद को बधाई दी है। साथ ही उन्होंने अपनी पार्टी कांग्रेस पर निशाना साधा।

कपिल सिब्बल ने ट्वीट कर लिखा कि, गुलाम नबी आजाद को पदम भूषण मिला है। बधाई हो भाईजान। विडंबना यह है कि जब देश सार्वजनिक जीवन में उनके योगदान को मान्यता दे रहा है और कांग्रेस को उनकी सेवाओं की आवश्यकता नहीं है।

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी आजाद को बधाई दी। उन्होंने कहा कि गुलाम नबी आजाद को पद्म भूषण से सम्मानित किए जाने पर बधाई, किसी की भी सार्वजनिक सेवा में योगदान के लिए दूसरे पक्ष की सरकार से सम्मानित होना अच्छा है।

वहीं, आनंद शर्मा ने भी गुलाम नबी आजाद को बधाई दी। उन्होंने कहा कि, गुलाम नबी आजाद जी को जन सेवा और संसदीय लोकतंत्र में उनके आजीवन समृद्ध योगदान हेतु योग्य मान्यता के लिए हार्दिक बधाई। इस बीच, एक अन्य प्रकरण में गुलाम नबी आज़ाद को सोशल मीडिया पर स्पष्ट करना पड़ा कि उनका ट्विटर बायो नहीं बदला गया था, उन्होंने कहा कि, कुछ लोगों द्वारा भ्रम पैदा करने के लिए कुछ शरारती प्रचार प्रसारित किए जा रहे हैं। मेरे ट्विटर प्रोफाइल से कुछ भी नहीं हटाया या जोड़ा गया है। प्रोफाइल पहले की तरह है


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.