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INX Media Case : पी चिदंबरम को नहीं मिली बेल, 26 अगस्‍त तक रहेंगे CBI हिरासत में

INX Media Case सीबीआइ कोर्ट ने बेल की अर्जी को नामंजूर करते हुए पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम को पांच दिन की सीबीआइ हिरासत में भेज दिया।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Thu, 22 Aug 2019 08:33 AM (IST)Updated: Thu, 22 Aug 2019 07:14 PM (IST)
INX Media Case :  पी चिदंबरम को नहीं मिली बेल, 26 अगस्‍त तक रहेंगे CBI हिरासत में
INX Media Case : पी चिदंबरम को नहीं मिली बेल, 26 अगस्‍त तक रहेंगे CBI हिरासत में

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। आइएनएक्स मीडिया केस में फंसे पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम को गुरुवार को राउज एवेन्यू की विशेष अदालत ने 26 अगस्त तक के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) की रिमांड पर भेज दिया। बुधवार देर रात गिरफ्तार करने के बाद सीबीआइ ने भारी सुरक्षा इंतजामों के बीच चिदंबरम को विशेष न्यायाधीश अजय कुमार कुहार के समक्ष पेश किया। सीबीआइ ने अदालत से पांच दिन का रिमांड मांगा।

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खचाखच भरी अदालत ने दलीलें सुनने के बाद कहा कि तथ्यों को देखने के बाद अदालत इस पक्ष में है कि चिदंबरम को चार दिन की सीबीआइ रिमांड पर भेजना उचित है। इस दौरान परिजन और वकील उनसे रोज 30 मिनट के लिए मुलाकात कर सकेंगे। उनका प्रतिदिन स्वास्थ्य की जांच की जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि उनकी व्यक्तिगत गरिमा को कोई ठेस नहीं पहुंचे।

सीबीआइ की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि मनी लांड्रिंग का यह एक गंभीर और ऐतिहासिक मामला है। अन्य लोगों के साथ चिदंबरम भी आपराधिक साजिश में शामिल थे, लेकिन वह जांच एजेंसी का सहयोग नहीं कर रहे हैं। गंभीर अपराध में फंसने के बावजूद वह कपटपूर्ण तरीके से जवाब दे रहे हैं।

दिल्ली हाई कोर्ट ने 20 अगस्त को सुनाए फैसले में चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज करते हुए गंभीर टिप्पणी की थी। ऐसे में उनको हिरासत में लेकर पूछताछ करना जरूरी है। इस दौरान स्वयं चिदंबरम ने अदालत में कहा कि वह बीते 24 घंटे से सोए नहीं हैं। उनकी तरफ से कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी ने दलीलें पेश कीं।

एजेंसी को नहीं पता क्या पूछना है
कपिल सिब्बल ने कहा कि इस मामले में चिदंबरम के पुत्र कार्ति समेत अन्य आरोपितों को जमानत मिल चुकी है। पहली गिरफ्तारी कार्ति के चार्टर्ड अकाउंटेंट भास्कर रमन की हुई थी, उसके बाद कार्ति को गिरफ्तार किया गया। अन्य आरोपित पीटर और इंद्राणी मुखर्जी को भी जमानत मिली है, हालांकि वह हत्या के एक अन्य मामले में जेल में बंद हैं। जांच एजेंसी ने चिदंबरम से कुल 12 सवाल पूछे, जिनमें छह के जवाब वह पहले ही दे चुके हैं। पूछताछ करने वालों को यही नहीं पता है कि उन्हें सवाल क्या पूछना है। बुधवार रात को गिरफ्तार किए जाने के बावजूद उनसे गुरुवार 11 बजे तक पूछताछ नहीं की गई।

चिदंबरम वह जवाब नहीं दे सकते जो सीबीआइ चाहती है
अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट में कहा कि सीबीआइ का पूरा मामला इंद्राणी मुखर्जी के बयान पर आधारित है, जो मामले में सरकारी गवाह बन चुकी हैं। चिदंबरम वह जवाब नहीं दे सकते जो सीबीआइ चाहती है। सीबीआइ द्वारा दस्तावेजों से छेड़छाड़ का कोई भी आरोप नहीं है।

पत्नी और बेटा भी रहे मौजूद
पूरी सुनवाई के दौरान चिदंबरम की पत्नी नलिनी, बेटे कार्ति चिदंबरम के अलावा दक्षिण भारत के कई नेता, उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, कांग्रेस नेता मुकुल वासनिक भी मौजूद रहे। अदालत के बाहर मुकुल वासनिक ने कहा कि यह राजनीतिक बदले का मामला है और हमे अदालत पर पूरा भरोसा है।

यह है पूरा मामला
आइएनएक्स मीडिया मामले में सीबीआइ ने 15 मई 2017 को प्राथमिकी दर्ज की थी। इसमें आरोप लगाया गया है कि पी. चिदंबरम के कार्यकाल के दौरान 2007 में 305 करोड़ रुपये की विदेशी धनराशि प्राप्त करने के लिए आइएनएक्स मीडिया समूह को दी गई एफआइपीबी मंजूरी में अनियमितताएं हुईं। इसके बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पिछले साल इस संबंध में मनी लांड्रिंग का मामला दर्ज किया था।

सीबीआइ और ईडी केस में जांच कर रही हैं कि कैसे पी. चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम को 2007 में एफआइपीबी से आइएनएक्स मीडिया के लिए मंजूरी मिली। जांच में पता चला कि एफआइपीबी से मंजूरी दिलाने के लिए आइएनएक्स मीडिया के निदेशक पीटर मुखर्जी और इंद्राणी मुखर्जी ने पी. चिदंबरम से मुलाकात की थी ताकि मंजूरी में कोई देरी न हो। इस मामले में इंद्राणी मुखर्जी अब सरकारी गवाह बन चुकी हैं।


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