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निचली, अधीनस्थ अदालतों में 3.93 करोड़ से ज्यादा मुकदमे लंबित : कानून मंत्री

निचली अदालत में कुल लंबित मामलों में से 102001 निपटारे के लिए 30 साल से ज्यादा समय से लंबित हैं। इनमें से 37423 दीवानी के और 64578 आपराधिक मामले हैं। कानून मंत्री ने कहा कि अदालतों में लंबित मामलों का निपटारा न्यायपालिका के क्षेत्र में आता है।

By Neel RajputEdited By: Published: Wed, 04 Aug 2021 09:51 PM (IST)Updated: Wed, 04 Aug 2021 09:51 PM (IST)
निचली, अधीनस्थ अदालतों में 3.93 करोड़ से ज्यादा मुकदमे लंबित : कानून मंत्री
कानून मंत्री ने कहा, अदालतों में मामलों के निपटारे में सरकार की कोई भूमिका नहीं (फोटो : दैनिक जागरण)

नई दिल्ली, प्रेट्र। निचली और अधीनस्थ अदालतों में 3.93 करोड़ से ज्यादा मामले लंबित हैं। लोकसभा में बुधवार को एक लिखित उत्तर में कानून मंत्री किरन रिजिजू ने कहा कि राष्ट्रीय न्यायिक डाटा ग्रिड (एनजेडीजी) पर इस वर्ष 30 जुलाई तक उपलब्ध सूचना के मुताबिक, निचली और अधीनस्थ अदालतों में कुल 3,93,21,607 मामले लंबित हैं। इनमें दीवानी के 1,05,10,012 और 2,88,11,595 आपराधिक मामले शामिल हैं। कानून मंत्री ने सदन को बताया कि अदालतों में मामलों के निपटारे में सरकार की कोई भूमिका नहीं है।

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निचली अदालत में कुल लंबित मामलों में से 1,02,001 निपटारे के लिए 30 साल से ज्यादा समय से लंबित हैं। इनमें से 37,423 दीवानी के और 64,578 आपराधिक मामले हैं। उन्होंने कहा कि अदालतों में लंबित मामलों का निपटारा न्यायपालिका के क्षेत्र में आता है।

मामलों की संख्या कम करने में जुटे हैं मंत्रालय, विभाग

कानून मंत्रालय ने एक अन्य सवाल के लिखित उत्तर में बताया कि रेलवे और राजस्व विभाग जैसे मंत्रालय और विभाग अदालती मामलों की संख्या कम करने के लिए कई कदम उठा रहे हैं। रेलवे ने सभी स्तरों पर कोर्ट केस की प्रभावी निगरानी के लिए निर्देश जारी किए हैं।

जोनल रेलवे और प्रोडक्शन यूनिटों को सरकारी मामलों की संख्या कम करने एवं अदालतों पर बोझ घटाने के प्रभावी कदम उठाने को कहा गया है। इसके साथ ही केस पर होने वाले खर्च में कमी लाने के लिए सभी अदालतों में सभी मामलों के तेजी से निपटारे को कहा गया है।

इसी तरह राजस्व विभाग के तहत केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) और केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआइसी) ने कई निर्देश जारी किए हैं और मुकदमों की संख्या कम करने के लिए कई कदम उठाए हैं।

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