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विपक्षी पार्टियां एमपीलैड के स्थगन के खिलाफ, जानिए किस पार्टी ने क्‍या कहा

विपक्षी दलों ने कोरोना महामारी से लडाई के लिए मंत्रियों-सांसदों के वेतन में कटौती का तो समर्थन किया है मगर सांसद निधि फंड को दो साल के लिए स्थगित करने का विरोध किया है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Mon, 06 Apr 2020 08:45 PM (IST)Updated: Mon, 06 Apr 2020 08:45 PM (IST)
विपक्षी पार्टियां एमपीलैड के स्थगन के खिलाफ, जानिए किस पार्टी ने क्‍या कहा
विपक्षी पार्टियां एमपीलैड के स्थगन के खिलाफ, जानिए किस पार्टी ने क्‍या कहा

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। विपक्षी दलों ने कोरोना महामारी से लडाई के लिए मंत्रियों-सांसदों के वेतन में कटौती का तो समर्थन किया है मगर सांसद निधि फंड को दो साल के लिए स्थगित करने का विरोध किया है। इन दलों का कहना है कि एमपीलैड को निलंबित करने से स्थानीय स्तर पर कोरोना जैसी महामारी या अन्य प्राकृतिक आपदा ही नहीं जनता से जुडे छोटे-मोटे विकास कार्यों का रास्ता बंद हो जाएगा। कांग्रेस ने कहा है कि सांसद निधि बंद करने की बजाय केंद्र सरकार को अपने गैरजरूरी खर्च में कटौती कर इस रकम को कोरोना से लडाई में लगाना चाहिए।

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कांग्रेस ने कहा सांसद निधि के निलंबन से स्थानीय जनता को दिक्कत

कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रमुख रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि कोरोना से लडने का संसाधन जुटाने के लिए सांसदों के वेतन में पचास फीसद तक कटौती कर लेते तो इसमें कोई दिक्कत नहीं होती, लेकिन एमपीलैड सांसदों का कोई निजी कोष नहीं होता बल्कि स्थानीय स्तर पर यह जनता की भलाई के कार्यों के लिए होता है।

जनता के हितों के खिलाफ फैसला 

सुरजेवाला ने कहा कि इसे निलंबित करने से जहां एक ओर स्थानीय स्तर पर जनता के जरूरी विकास कार्य रूक जाएंगे, वहीं सांसदों की भूमिका पर भी प्रश्नचिन्ह लग जाएगा। अगर देश के सांसदों की आवाज ही चली गई तो लोकतंत्र में संसद की प्रभावी भूमिका भी कम हो जाएगी। कांग्रेस की मांग है कि सांसद निधि को बहाल किया जाए। कांग्रेस के दूसरे नेता मनीष तिवारी ने भी वेतन में कटौती का समर्थन किया, मगर सांसद निधि को निलंबित करने के फैसले को जनता के हितों के खिलाफ करार दिया।

माकपा, टीएमसी और आप ने भी किया विरोध

माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि मोदी सरकार ने देश को कोरोना से पहले ही आर्थिक मुश्किलों में ला खड़ा किया था और सरकारी धन का दुरूपयोग गैर जरूरी प्रचार और कामों में किया। सरकार अपनी नाकामी छुपाने के लिए इस तरह का विकल्प अपना रही है। तृणमूल कांग्रेस ने भी बयान जारी कर एमपीलैडस को दो साल के लिए स्थगित करने का विरोध किया। आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता संजय सिंह ने भी कहा कि सरकार का यह फैसला अनुचित है और यह कदम उठाने से पहले सांसदों से मशविरा करना चाहिए था।


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