Agriculture Bill Protest March: संसद परिसर में विपक्षी सांसदों का विरोध मार्च, लगाए किसान बचाओ के नारे
संसद परिसर में हुए इस विरोध मार्च में कांग्रेस के ग़ुलाम नबी आज़ाद और डेरेक ओ ब्रायन सहित कई अन्य विपक्षी पार्टियों के सांसदों ने किसान बचाओ मज़दूर बचाओ लोकतंत्र बचाओ जैसे नारे लगाए और तख्तियां भी लहराईं।
नई दिल्ली, एएनआइ। कृषि बिल के खिलाफ विपक्षी पार्टियों के नेता लगातार हमलावर हैं। इसी के तहत विपक्षी दलों के सांसदों ने संसद परिसर में कृषि बिल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। इस विरोध मार्च में कांग्रेस के ग़ुलाम नबी आज़ाद और डेरेक ओ ब्रायन और समाजवादी पार्टी की जया बच्चन सहित कई अन्य विपक्षी पार्टियों के सांसदों ने 'किसान बचाओ, मज़दूर बचाओ, लोकतंत्र बचाओ' जैसे नारे लगाए और तख्तियां भी लहराईं। उन्होंने संसद परिसर में गांधी प्रतिमा के समक्ष विरोध प्रदर्शन किया और बाद में परिसर में एक मार्च भी निकाला।
#WATCH: MPs of Opposition parties march in Parliament premises in protest over farm bills. Placards of 'Save Farmers' & 'Save Farmers, Save Workers, Save Democracy' seen.
Congress' Ghulam Nabi Azad, TMC's Derek O'Brien, and Samajwadi Party's Jaya Bachchan present, among others. pic.twitter.com/PIIxqciFpG
— ANI (@ANI) September 23, 2020
इससे पहले विभिन्न दलों के विपक्षी सांसद, जिन्होंने राज्यसभा के सत्र का बहिष्कार किया था, उन्होंने सदन में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आज़ाद के कक्ष में मुलाकात की। इस बैठक के दौरान संसद द्वारा पारित कृषि विधेयकों पर उनकी आगे की रणनीति पर चर्चा हुई।
सूत्रों के अनुसार, कृषि बिल को लेकर जारी विरोध के बीच आज कुछ विपक्षी नेता राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद से मुलाकात कर सकते हैं। सूत्रों ने कहा कि केवल पांच विपक्षी नेताओं को शाम 5 बजे राष्ट्रपति से मिलने की अनुमति दी जाएगी।
राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद के भाषण के बाद विपक्षी सांसदों ने मंगलवार को कार्यवाही का बहिष्कार किया था। विपक्षी नेताओं ने राज्यसभा से वॉक आउट किया और संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष धरना दिया। कांग्रेस और अन्य दलों ने भी कृषि विधेयकों पर विपक्ष के सुझावों को सरकार द्वारा सहमत नहीं करने के लिए कल निचले सदन की कार्यवाही का बहिष्कार किया था।
रविवार को सदन में हंगामे को लेकर राज्यसभा के सभापति द्वारा सोमवार को आठ विपक्षी सांसदों को निलंबित कर दिया गया। जबकि विपक्षी सदस्यों ने कृषि विधेयकों को पारित करने के तरीके पर आरक्षण व्यक्त किया है, सरकार और भाजपा नेताओं ने उन पर चेयर के निर्देशों का पालन नहीं करने का आरोप लगाया है।