राज्यसभा में विपक्ष ने बदला विरोध का तरीका, सिर्फ सत्ता पक्ष के बोलने पर की नारेबाजी
विपक्ष के इस बदले हुए विरोध प्रदर्शन के तरीके के चलते सदन में कई बार हास्यास्पद स्थिति भी देखने को मिली है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून सहित एनआरसी और एनपीआर को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले कांग्रेस सहित विपक्षी दलों ने मंगलवार को भी राज्यसभा में अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखा, लेकिन इसका तरीका बदला हुआ था। सिर्फ सत्ता पक्ष के सांसदों के बोलने के दौरान ही नारेबाजी की। हालांकि यह विरोध शून्यकाल के दौरान ही चला, इसके बाद तो सदन शांति पूर्वक तरीके से चला। राज्यसभा में विपक्ष का यह हंगामा सीएए, एनआरसी और एनपीआर को लेकर चर्चा को लेकर है।
अपने पक्ष के सांसदों के बोलने पर हो जाते हैं चुप
विपक्ष के इस बदले हुए विरोध प्रदर्शन के तरीके के चलते सदन में कई बार हास्यास्पद स्थिति भी देखने को मिली। जब सत्ता पक्ष के सांसदों के बोलने पर नारेबाजी करने वाले विपक्षी सांसद अचानक अपने पक्ष के सासंदों के बोलने की बारी आने पर चुप हो जाते थे। कई बार लगातार उनके पक्ष के सासंदों के बोलते रहने से यह शांति लंबी भी दिखी, लेकिन जैसे ही सत्ता पक्ष के सांसदों का बोलने के लिए पुकारा गया, फिर सभी नारेबाजी करने लगते थे। सभापति ने इस बीच नारेबाजी कर रहे विपक्षी सांसदों को कई बार समझाने की कोशिश की, लेकिन वह माने नहीं और वेल में आकर नारेबाजी करते रहे।
कई सांसदों ने दर्ज कराई आपत्ति
खासबात यह रही कि विपक्ष की नारेबाजी के बीच सभापति ने सदन की कार्यवाही को जारी रखा। इस बीच विपक्ष के इस चुनिंदा विरोध के तरीके पर कई सासंदों ने आपत्ति भी खड़ी की। वाईएसआर कांग्रेस के सासंद विजयसाई रेड्डी ने कहा कि विपक्ष का यह तरीका ठीक नहीं है। वह अपनी बात को शांति से रख रहे है और दूसरों के बोलने पर नारेबाजी कर रहे है। हालांकि शून्यकाल खत्म होते ही नारेबाजी खत्म कर विपक्ष अपनी सीटों पर फिर लौट गया। इसके बाद पूरा प्रश्नकाल शांति पूर्ण तरीके से चला।