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BJP vs Opposition: भाजपा की राजनीति का मुकाबला नहीं कर सकता विपक्ष, मंदिर-मस्जिद मामले पर कांग्रेस है पूरी तरह निष्क्रिय

2024 के चुनाव को लेकर विपक्ष के पास हाल के मुद्दों पर भाजपा से मुकाबला करने के लिए प्रतिवाद और नेतृत्व की कमी है। हाल ही में संपन्न कांग्रेस चिंतन शिविर में पार्टी ने हिंदुत्व पर चर्चा तो की थी लेकिन ज्ञानवापी मस्जिद के मुद्दे पर चर्चा नहीं की थी।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Sun, 22 May 2022 04:17 PM (IST)Updated: Sun, 22 May 2022 04:38 PM (IST)
BJP vs Opposition: भाजपा की राजनीति का मुकाबला नहीं कर सकता विपक्ष, मंदिर-मस्जिद मामले पर कांग्रेस है पूरी तरह निष्क्रिय
हिंदू मुद्दों को लेकर भाजपा अब है बहुत मजबूत

नई दिल्ली, आइएएनएस। भारतीय जनता पार्टी जिस तरीके की राजनीत कर रही है, विपक्ष उसका मुकाबला कई सालों तक नहीं कर सकता है। वर्तमान भाजपा के नेतृत्व वाली पूर्ण बहुमत सरकार के बीज 1990 में पार्टी के दिग्गज नेता लाल कृष्ण आडवाणी की 'सोमनाथ से अयोध्या यात्रा' में बोए गए थे। इस धार्मिक यात्रा ने लोगों की भावनाओं को हवा दी और भाजपा को 1984 में दो सीटों से उठाकर 1991 के चुनाव में लगभग 120 लोकसभा सीटों तक पहुंचा दिया।

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इसके बाद 1996 में 13 दिन की सरकार और 1998 में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली लगातार दो सरकारें 13 महीने और फिर 1999 में एक पूर्णकालिक सरकार बनीं। राम रथ यात्रा एक धार्मिक यात्रा थी, लेकिन इसका एक राजनीतिक उद्देश्य था।

इसका आयोजन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उसके समर्थकों द्वारा किया गया था और इसका नेतृत्व भाजपा के तत्कालीन अध्यक्ष लालकृष्ण आडवाणी ने किया था। यात्रा विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और संघ परिवार के नेतृत्व में बाबरी मस्जिद स्थल पर हिंदू देवता भगवान राम के मंदिर के निर्माण के लिए आंदोलन का समर्थन करने के लिए थी। 1992 में यात्रा के बाद विवादित ढांचे को ध्वस्त कर दिया गया था और अब सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद अयोध्या स्थल पर एक भव्य राम मंदिर का निर्माण चल रहा है।

जानिए क्यों भाजपा को 2024 के लिए किसी मुद्दे की नहीं है आवश्यकता 

वहीं, अब माना जा रहा है कि ज्ञानवापी मस्जिद विवाद का राष्ट्रीय राजनीति पर भी व्यापक प्रभाव पड़ेगा। प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि यह एक भटकाव की रणनीति है। इस पूरे प्रकरण पर राजनीतिक विश्लेषक विनोद शुक्ला कहते हैं कि भाजपा को 2024 के लिए किसी मुद्दे की आवश्यकता नहीं है क्योंकि हिंदू पहले ही जाग चुके हैं और 2019 का चुनाव इसका प्रमाण है। भाजपा बहुत मजबूत है और उसे ऐसे किसी भावनात्मक मुद्दे की जरूरत नहीं है।

कांग्रेस ने चिंतन शिविर में ज्ञानवापी मस्जिद मामले पर नहीं की चर्चा

2024 के चुनाव को लेकर विपक्ष के पास हाल के मुद्दों पर भाजपा से मुकाबला करने के लिए प्रतिवाद और नेतृत्व की कमी है। सूत्रों ने बताया कि हाल ही में संपन्न कांग्रेस चिंतन शिविर में पार्टी ने हिंदुत्व पर चर्चा तो की थी लेकिन ज्ञानवापी मस्जिद के मुद्दे पर चर्चा नहीं की थी।

अयोध्या के चलते भाजपा ने कई बार बनाईं केंद्र में सरकारें

मालूम हो कि अयोध्या ने भाजपा को पांच सरकारें बनाने में मदद की है। पहले 13 दिन की सरकार, फिर 13 महीने की गठबंधन सरकार और पांच साल की गठबंधन सरकार और अब 2014 और 2019 की सरकार भी अयोध्या मुद्दे के चलते ही है। पिछले दो चुनावों में भाजपा ने विपक्षी कांग्रेस को दो अंकों में कर दिया है। कांग्रेस का यह अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन है। हालांकि, कांग्रेस को लगता है कि आर्थिक और सामाजिक मुद्दों से उसे भाजपा का मुकाबला करने में मदद मिलेगी, लेकिन हिंदुत्व के मुद्दे पर भाजपा के लिए दूसरी भूमिका निभाने से मदद नहीं मिलेगी।


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