J&K में विधानसभा चुनाव कराने की खुली राह, परिसीमन आयोग ने सौंपी रिपोर्ट; केंद्र शासित प्रदेश में सीटों की संख्या हुई 90
जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने की राह खुल गई है। परिसीमन आयोग ने केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा की सात सीटों की बढ़ोतरी के साथ गुरुवार को परिसीमन से जुड़ी अपनी रिपोर्ट दे दी। परिसीमन आयोग ने अपनी रिपोर्ट चुनाव आयोग और केंद्र सरकार को सौंपी है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने की राह खुल गई है। परिसीमन आयोग ने केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा की सात सीटों की बढ़ोतरी के साथ गुरुवार को परिसीमन से जुड़ी अपनी रिपोर्ट दे दी। परिसीमन आयोग ने अपनी रिपोर्ट चुनाव आयोग और केंद्र सरकार को सौंपी है। इसके तहत जम्मू-कश्मीर में विधानसभा की कुल सीटें 83 से बढ़कर 90 हो गई हैं। इनमें से जम्मू क्षेत्र में सीटों की कुल संख्या अब 43 हो गई है। कश्मीर क्षेत्र में कुल 47 सीटें हो गई हैं।
सुप्रीम कोर्ट की सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में गठित परिसीमन आयोग ने इसको लेकर अधिसूचना भी जारी कर दी है। माना जा रहा है कि केंद्र की सहमति के बाद चुनाव आयोग रिपोर्ट को अपनी मंजूरी देगा। साथ ही इस सिफारिश को अधिसूचित कर देगा। परिसीमन आयोग की रिपोर्ट आने से जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव का इंतजार भी खत्म होगा। परिसीमन का काम पूरा न होने के चलते वहां चुनाव नहीं हो रहा है। माना जा रहा है कि इस साल के अंत तक जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनाव का एलान हो जाएगा।
इसलिए लिया गया परिसीमन का फैसला
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 समाप्त किए जाने और उससे लद्दाख को अलग कर दो केंद्र शासित प्रदेश बनाने के बाद केंद्र सरकार ने नए सिरे से परिसीमन कराने का फैसला लिया था। इसको लेकर मार्च 2020 में जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया गया। मुख्य चुनाव आयुक्त और जम्मू-कश्मीर के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को इसका सदस्य बनाया गया। जम्मू-कश्मीर के सभी लोकसभा सदस्यों को भी इसमें शामिल किया गया। आयोग ने इन सदस्यों के साथ जम्मू-कश्मीर का दौरा कर स्थानीय लोगों से भी सुझाव लिए। इस दौरान आयोग को 1,600 से अधिक सुझाव मिले थे।
अनुसूचित जनजाति के लिए पहली बार नौ सीटों की सिफारिश
- परिसीमन आयोग ने विधानसभा की नौ सीटों को पहली बार अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित करने की सिफारिश की है।
-इससे पहले सिर्फ अनुसूचित जाति के लिए सात सीटें ही आरक्षित थीं, जिन्हें अभी भी यथावत रखा गया है।
कश्मीर, गुलाम कश्मीर के विस्थापितों के लिए सीटें आरक्षित करने का सुझाव
-परिसीमन आयोग ने केंद्र से सिफारिश की है कि वह कश्मीरी विस्थापितों के लिए दो सीटें आरक्षित करे, जिसमें एक महिला हो।
-आयोग ने कहा है कि इनके अधिकार पुडुचेरी विधानसभा में नामित सदस्यों को दिए गए अधिकारों की तरह ही होने चाहिए।
-पुडुचेरी में नामित सदस्य को ऐसे मामले में वोट देने का अधिकार है, जब बहुमत परीक्षण की बारी आती है।
--गुलाम कश्मीर के विस्थापितों के लिए भी सीटें आरक्षित करने का सुझाव दिया गया है। इनके लिए वोटिंग अधिकार का जिक्र नहीं है।
--ऐसे सदस्यों के लिए कोई संख्या नहीं बताई गई है। यह संख्या निर्धारित 90 सीटों के अतिरिक्त नामित श्रेणी की होगी।
लोकसभा की सभी पांच सीटों का किया गया पुनर्गठन
लद्दाख के अलग होने के बाद जम्मू-कश्मीर की बची पांच लोकसभा सीटों का परिसीमन आयोग ने नए सिरे से पुनर्गठन किया है। इसके तहत सभी लोकसभा सीटों का भौगोलिक क्षेत्र बदला गया है। इन पांच सीटों में से दो-दो सीटें जम्मू और कश्मीर क्षेत्र में रखी गई हैं। अनंतनाग सीट का गठन इस तरह किया गया है कि इसका आधा हिस्सा जम्मू और आधा हिस्सा कश्मीर में रहेगा। पांचों लोकसभा सीटों में प्रत्येक में विधानसभा की 18-18 सीटें रखी गई हैं। आयोग के मुताबिक परिसीमन में जनसंख्या के साथ ही भौगोलिक, सामाजिक तानेबाने और प्रशासनिक जुड़ाव को भी ध्यान में रखा गया है।