जब ममता ने बांग्लादेशी घुसपैठ को लेकर लोकसभा में किया था बवाल, दे दिया था इस्तीफा
ये वही ममता बनर्जी हैं जिन्होंने कभी बांग्लादेशी घुसपैठ के मु्द्दे पर संसद में चर्चा की मांग की थी और मांग ठुकराए जाने पर संसद की सदस्यता से इस्तीफा तक दे दिया था।
नई दिल्ली [जेएनएन]। नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजंस (एनआरसी) के मुद्दे मुखर विरोध करने वाली पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने साल 2005 में संसद में बांग्लादेशी घुसपैठ के मुद्दे पर जमकर हंगामा किया था। उन्होंने इस मुद्दे पर बोलने की इजाजत न मिलने पर तत्कालीन लोकसभा उपाध्यक्ष चरणजीत सिंह अटवाल पर कागज फाड़कर फेंक दिए थे। इतना ही नहीं संसद की सदस्यता से इस्तीफा तक दे दिया था।
बात अगस्त, 2005 की है। जब सदन में जनता के मुद्दों पर चर्चा हो रही थी। तभी ममता बनर्जी स्थगन प्रस्ताव लेकर आईं और बांग्लादेशी घुसपैठियों पर चर्चा की मांग की। हालांकि डिप्टी स्पीकर चरणजीत सिंह अटवाल ने कहा कि लोकसभा स्पीकर सोमनाथ चटर्जी ने ये प्रस्ताव रद कर दिया है। इस पर ममता भड़क उठीं। ममता इस बात से इतनी नाराज हो गईं कि उन्होंने स्पीकर की कुर्सी की तरफ फाइल फेंक दी थी और सदन से इस्तीफा दे दिया। हालांकि, स्पीकर ने उनका इस्तीफा मंजूर नहीं किया था।
उस वक्त यूपीए और लेफ्ट के कई सदस्यों ने अलग से बयान जारी कर ममता के इस व्यवहार की निंदा की और कहा कि उन्होंने सदन की गरिमा का अपमान किया है। साथ ही ममता से माफी की भी मांग की थी। आज वही ममता बनर्जी, नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजंस के मुद्दे पर कहती हैं कि अगर बंगाल में एनआरसी लागू किया गया तो गृह युद्ध छिड़ जाएगा। इससे पहले ममता ने एनआरसी को लेकर गृहमंत्री राजनाथ सिंह से भी मुलाकात की।