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तीसरे दिन भी हंगामे की भेंट चढ़ी राज्यसभा की कार्यवाही, सभापति की नसीहतों को विपक्ष ने किया नजरअंदाज

राज्यसभा में तीसरे दिन की कार्यवाही भी विपक्ष के हंगामे की भेंट चढ़ गई। डैम सेफ्टी बिल पेश होने के बावजूद उस पर चर्चा नहीं हो सकी। सदन से निलंबित सदस्यों की बहाली की मांग पर बुधवार को भी विपक्ष अड़ा रहा।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Wed, 01 Dec 2021 07:35 PM (IST)Updated: Thu, 02 Dec 2021 03:20 AM (IST)
तीसरे दिन भी हंगामे की भेंट चढ़ी राज्यसभा की कार्यवाही, सभापति की नसीहतों को विपक्ष ने किया नजरअंदाज
राज्यसभा में तीसरे दिन की कार्यवाही भी विपक्ष के हंगामे की भेंट चढ़ गई।

 नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। राज्यसभा में तीसरे दिन की कार्यवाही भी विपक्ष के हंगामे की भेंट चढ़ गई। डैम सेफ्टी बिल पेश होने के बावजूद उस पर चर्चा नहीं हो सकी। सदन से निलंबित सदस्यों की बहाली की मांग पर बुधवार को भी विपक्ष अड़ा रहा। जबकि सरकार ने माफी मांग लेने और सदन को सुचारू रूप से चलने देने की सलाह दी। दोपहर बाद तीन बजे तक कई बार बाधित होने के बाद सदन को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया।सुबह सदन की बैठक शुरू होने के साथ ही विपक्षी दलों के सदस्यों ने हाथों में प्लेकार्ड दिखाते हुए वेल में आकर शोर शराबा और नारेबाजी शुरू कर दी, जिसे देखते हुए सदन को पहले दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।

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असंसदीय और अलोकतांत्रिक हरकतें कर रहा है विपक्ष

सभापति एम. वेंकैया नायडू विपक्षी दलों को नसीहतें देते रहे, लेकिन हंगामा कर रहे सदस्यों ने उनकी नहीं सुनी। जबकि सभापति ने निलंबित सदस्यों के अमर्यादित आचरण का विस्तार से एक बार फिर जिक्र किया, जिन्होंने मानसून सत्र के आखिरी दिन सदन में जमकर धमाचौकड़ी की थी। नायडू ने हैरानी जताते हुए कहा कि जिन लोगों को अपने किए पर पछतावा होना चाहिए वे अब भी जिद पर अड़े हुए हैं। यह उचित नहीं है। सदन के वेल में आना, टेबल पर चढ़ना, कागज फेंकना, मंत्री के हाथ से कागज छीनना और चेयर को चुनौती देने जैसी हरकतें असंसदीय और अलोकतांत्रिक हैं। इस पर भी उन्हें कोई पश्चाताप नहीं है, इस पर हम क्या कर सकते हैं।

डैम सेफ्टी बिल पेश पर केंद्रीय मंत्री शेखावत को नहीं बोलने दिया गया

दोपहर बाद सदन दोबारा बैठा, लेकिन विपक्षी सदस्यों ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को डैम सेफ्टी बिल, 2019 पेश नहीं करने दिया। आसन पर बैठे भुवनेश्वर कलिता ने विपक्षी सदस्यों को उनकी सीट पर भेजकर केंद्रीय मंत्री शेखावत को बिल पेश करने को कहा। इसके पहले उपसभापति हरिवंश भी जल शक्ति मंत्री को बिल पेश करने को कह चुके थे। उस समय उन्होंने आंदोलित विपक्षी सदस्यों को आश्वस्त किया था कि नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को 12 निलंबित सदस्यों के मसले पर बोलने का मौका दिया जाएगा। इस आश्वासन पर सदस्य अपनी सीटों पर लौट गए थे।

जारी रहा व‍िपक्ष का हंगामा

कलिता ने विपक्षी सदस्यों के व्यवहार पर नाराजगी जताते हुए कहा कि जो कुछ भी हो रहा है, वह अच्छा नहीं है। आपको आचार संहिता का पालन करना चाहिए, लोगों में अच्छा संदेश नहीं जाएगा। लेकिन विपक्षी सदस्यों ने उनकी एक नहीं सुनी और हंगामा जारी रखा, जिससे सदन को दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। इसके बाद जब सदन बैठा तो उपसभापति हरिवंश ने शेखावत को विधेयक पेश करने को कहा।

बिल प्रस्तुत करने के बाद जब शेखावत को भाषण देने के लिए कहा गया, ठीक उसी समय खड़गे खड़े हो गए और निलंबित सदस्यों के मुद्दे पर बोलने की अनुमति मांगी। लेकिन उपसभापति हरिवंश ने इसकी अनुमति देने के बजाय कहा कि वह चाहें तो विधेयक पर बोल सकते हैं। इस पर कुछ विपक्षी सदस्यों ने वेल में आकर और बाकी ने अपनी सीटों पर खड़े होकर नारेबाजी शुरू कर दी। कुछ विपक्षी सदस्यों ने मोबाइल से फोटोग्राफी शुरू कर दी, जिसे रोकने पर भी वे नहीं माने। इसके बाद सदन को तीन बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।


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