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Delhi Violence के बारे में विदेश मंत्रालय ने कहा, राजनीतिकरण कर रही हैं विदेशी एजेंसियां

दिल्ली में हिंसा पर ओआईसी (आर्गेनाइजेशन ऑफ इस्‍लामिक कोऑपरेशन) के बयान पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता रवीश कुमार ने कहा कि यह राजनीतिकरण की कोशिश है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Thu, 27 Feb 2020 04:46 PM (IST)Updated: Thu, 27 Feb 2020 10:21 PM (IST)
Delhi Violence के बारे में विदेश मंत्रालय ने कहा, राजनीतिकरण कर रही हैं विदेशी एजेंसियां
Delhi Violence के बारे में विदेश मंत्रालय ने कहा, राजनीतिकरण कर रही हैं विदेशी एजेंसियां

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। भारत ने ओआइसी, यूएससीआइआरएफ समेत कुछ अमेरिकी सांसदों की तरफ से दिल्ली हिंसा के मुद्दे को उठाने पर कड़ी आपत्ति जताई है और कहा है कि इन्हें जमीनी स्थिति की जानकारी नहीं है और दिल्ली की स्थिति पर राजनीति करने की कोशिश की जा रही है। वहीं सरकार दिल्ली के हालात से पैदा हुई स्थिति के कूटनीतिक असर का आकलन करने में जुटी है। सारे कूटनीतिक चैनल खोल दिए गए हैं ताकि विदेशों में इसको लेकर स्थिति स्पष्ट की जाए।

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अमेरिका की संस्था यूएससीआइआरएफ, इस्लामिक देशों ने जताई चिंता

गुरुवार को इस्लामिक देशों के संगठन (ओआइसी) व अमेरिका में धार्मिक आजादी की निगरानी करने वाली एजेंसी यूएससीआइआरएफ ने दिल्ली हिंसा पर लंबा बयान जारी किया। इसके अलावा अमेरिका में आगामी राष्ट्रपति चुनाव में विपक्षी पार्टी के उम्मीदवार बर्नी सैंडर्स के अलावा कई वरिष्ट सीनेट सदस्यों ने तल्ख बयान दिये हैं। सैंडर्स ने सीधे तौर पर इस मामले में राष्ट्रपति ट्रंप को भी घसीट लिया है जो एक दिन पहले ही भारत का दौरा खत्म कर स्वदेश लौटे हैं। जाहिर है कि सैंडर्स इस बहाने अपनी राजनीति साधना चाह रहे है। बहरहाल, यूएससीआइआरएफ ने सभी धर्म के लोगों को सुरक्षा प्रदान करने का आग्रह भारत सरकार से की है।

दिल्‍ली हिंसा पर दी गई प्रतिक्रियाएं झूठ और आधारहीन

इस बारे में पूछने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा है कि हमने यूएससीआइआरएफ, कुछ मीडिया और व्यक्तिगत स्तर पर दिल्ली हिंसा पर दी गई प्रतिक्रियाओं को देखा है और इनमें जो बातें कही गई हैं वे झूठ और आधारहीन है। ऐसा लगता है कि मामले का राजनीतिकरण करने की कोशिश की जा रही है। भारत की कानूनी एजेंसियां जमीन पर हालात को सामान्य करने की कोशिश कर रही हैं और गुरुवार को हालात काफी सामान्य हो चुके हैं। बहुत ही उच्च स्तर पर सरकार के प्रतिनिधियों ने स्थिति को सामान्य करने की अपील की है। पीएम ने भी शांति व भाईचारा बनाये रखने का संदेश दिया है। हम सभी से अपील करेंगे कि संवेदनहीन बयान नहीं दे।

कुमार ने सीधे तौर पर अमेरिका के वरिष्ठ राजनेता सैंडर्स का नाम नहीं लिया लेकिन बयान से साफ है कि उनकी तरफ भी इशारा किया गया है। विदेश मंत्रालय के अधिकारी बताते हैं कि दुनिया भर में फैले विदेश मंत्रालय के अधिकारी अपने स्तर पर भारतीय पक्ष को रखने की भरसक कोशिश कर रहे हैं।

वुहान, चीन और जापान से 195 भारतीयों और 41 विदेशी नागरिकों को निकाला गया 

रवीश कुमार ने कहा कि हमने वुहान, चीन और जापान से 195 भारतीयों और 41 विदेशी नागरिकों को निकाला और उन्हें आज सुबह दो विशेष उड़ान में भारत लाया गया। अब तक कुल 842 भारतीयों और 48 विदेशी नागरिकों को चीन और जापान से निकाला गया है। 

रोहिंग्या मुद्दे पर दोनों राष्‍ट्राध्‍यक्षों के बीच हुई बातचीत

उन्‍होंने कहा कि रोहिंग्या मुद्दे पर म्यांमार के राष्ट्रपति यू विन मिंट और पीएम मोदी ने भारत की पूर्व यात्रा के दौरान चर्चा की थी। यदि हस्ताक्षर किए गए एमओयू की संख्या को देखें तो कम से कम 4-5 एमओयू हैं जो वास्तव में राखीन राज्य के सामाजिक-आर्थिक विकास से संबंधित हैं। इसलिए इस बात पर चर्चा हुई कि भारत म्यांमार के उस क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास का समर्थन किस प्रकार कर सकता है?


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