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अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर उपराष्ट्रपति ने कहा- मातृभाषा के माध्यम से बच्चों को मिले पांचवीं तक शिक्षा

अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि बच्चों को मातृभाषा में प्राथमिक शिक्षा प्रदान करने से उनमें आत्मसम्मान और रचनात्मकता का विकास होगा। उन्होंने कहा कि कक्षा पांच तक तो मातृभाषा में ही पठाया जाना चाहिए।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sun, 21 Feb 2021 08:42 PM (IST)Updated: Sun, 21 Feb 2021 08:42 PM (IST)
अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर उपराष्ट्रपति ने कहा- मातृभाषा के माध्यम से बच्चों को मिले पांचवीं तक शिक्षा
शिक्षा से लेकर हर क्षेत्र में मातृभाषा के प्रयोग को मिले बढ़ावा।

हैदराबाद, प्रेट्र। बच्चों को मातृभाषा में प्राथमिक शिक्षा प्रदान करने पर जोर देते हुए उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि इससे उनमें आत्मसम्मान और रचनात्मकता का विकास होगा। उन्होंने कहा कि कक्षा पांच तक तो मातृभाषा में ही पठाया जाना चाहिए।

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उपराष्ट्रपति ने कहा- शिक्षा से लेकर हर क्षेत्र में मातृभाषा के प्रयोग को मिले बढ़ावा

अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर स्वर्ण भारत ट्रस्ट द्वारा मुछीनथल में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि घर में बोली जानेवाली भाषा से यदि बच्चों को शुरू में पढ़ाया जाए तो वे जल्दी सीख जाते हैं। उन्होंने नई शिक्षा नीति को दूरदर्शी और प्रगतिशील दस्तावेज बताया। उन्होंने इसको पूरी तरह से लागू करने पर जोर दिया। उन्होंने मातृभाषा के माध्यम से उच्च शिक्षा प्रदान करने पर भी बल दिया। नायडू ने मातृभाषा को प्रोत्साहित करने के लिए पांच क्षेत्रों का जिक्र किया जिनमें प्राथमिक शिक्षा, स्थानीय प्रशासन, कोर्ट की कार्यवाही तथा कोर्ट के फैसले आदि शामिल हैं।

मातृभाषाएं सिर्फ संवाद का ही माध्यम नहीं है, बल्कि विरासत एवं पहचान को परिभाषित करती हैं

उधर नई दिल्ली में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय तथा संस्कृति मंत्रालय द्वारा अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर आयोजित एक वेबिनार को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने देश में 195 बोलियों के खतरे में होने की स्थिति का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि हमारी मातृभाषाएं सिर्फ संवाद का ही माध्यम नहीं है, बल्कि वे हमारी विरासत एवं पहचान को परिभाषित करती हैं। ऐसे में हमें प्राथमिक शिक्षा से प्रशासन तक, हर क्षेत्र में मातृभाषा के प्रयोग को बढ़ावा देना चाहिए।

उपराष्ट्रपति ने कहा- देश में सैकड़ों भाषाएं एवं बोलियां, ये हमारी समृद्ध विविधतापूर्ण संस्कृति का प्रतीक

उन्होंने कहा कि हमारे देश में सैकड़ों भाषाएं एवं बोलियां बोली जाती हैं। 121 बोलियां ऐसी हैं जो करीब 10 हजार लोगों द्वारा बोली जाती हैं। ऐसे में ये बोलियां हमारी समृद्ध विविधतापूर्ण संस्कृति का प्रतीक हैं।

नायडू ने कहा- मातृभाषा के खतरे को लेकर यूनेस्को ने किया आगाह

उन्होंने कहा कि मातृभाषा को लेकर खतरों के बारे में यूनेस्को ने भी आगाह किया है। हमें इस बात को समझना होगा कि दुनियाभर में काफी संख्या में भाषाएं-बोलियां खतरे की स्थिति का सामना कर रही हैं। भारत में यह संख्या काफी है और 195 बोलियों के खतरे की स्थिति में होने की बात सामने आई है।

शिक्षा मंत्री निशंक ने कहा- नहीं थोपी जाएगी कोई भी भाषा, मातृभाषा को सशक्त बनाना जरूरी

वेबिनार को संबोधित करते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि मातृभाषा को सशक्त बनाना जरूरी है, लेकिन किसी भी राज्य पर कोई भी भाषा नहीं थोपी जाएगी। उन्होंने बजट में भारतीय भाषा विश्वविद्यालय एवं अनुवाद संस्थान के लिए आवंटन किए जाने का भी उल्लेख किया। इस कार्यक्रम को संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री प्रह्लाद पटेल ने भी संबोधित किया।

अमित शाह ने कहा- भारतीय भाषाओं को सशक्त बनाएगी नई शिक्षा नीति

अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर एक संदेश में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि मातृभाषा अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम है। गृह मंत्री ने ट्वीट किया, मातृभाषा अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम व संस्कृति की सजीव संवाहक होती है। यह व्यक्तित्व के निर्माण, विकास और उसकी सामाजिक व सांस्कृतिक पहचान बनाती है। हमारी नई शिक्षा नीति सभी भारतीय भाषाओं के संरक्षण, विकास व उन्हें सशक्त बनाने की दिशा में मोदी सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं। अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस की हाíदक शुभकामनाएं। यह दिवस हमें हमारी सांस्कृतिक विरासत से जुड़े रहने के लिए प्रेरित करता है।


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