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संसद अध्यक्षों के विश्व सम्मेलन में बोले ओम बिरला, शासन में पारदर्शिता के लिए जनभागीदारी है जरूरी

भारतीय संसद का उल्लेख करते हुए ओम बिरला ने कहा कि यह 135 करोड़ लोगों की आशाओं व आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व कर रही है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Thu, 20 Aug 2020 09:59 PM (IST)Updated: Thu, 20 Aug 2020 10:05 PM (IST)
संसद अध्यक्षों के विश्व सम्मेलन में बोले ओम बिरला, शासन में पारदर्शिता के लिए जनभागीदारी है जरूरी
संसद अध्यक्षों के विश्व सम्मेलन में बोले ओम बिरला, शासन में पारदर्शिता के लिए जनभागीदारी है जरूरी

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि जन प्रतिनिधियों और जनता के बीच की दूरी घटने से ही शासन प्रणाली में सुधार के साथ पारदर्शिता आ सकती है। बिरला गुरुवार को संसद अध्यक्षों के पांचवें विश्व सम्मेलन के दूसरे दिन आयोजित समारोह में बोल रहे थे।

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बिरला ने वर्चुअल सम्मेलन में हिस्सा लेते हुए कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी क्रांति के इस दौर में संसदीय निगरानी और शासन में सुधार लाने के लिए संसद को अपने कामकाज में जनता की भागीदारी बढ़ाने की जरूरत है।

हमारे सांसद हमेशा जनता से जुड़े रहते हैं: ओम बिरला

भारतीय संसद का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि यह 135 करोड़ लोगों की आशाओं व आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व कर रही है। भारतीय संसद जनता से सतत संपर्क बनाए रखने में सक्रिय भूमिका निभा रही है। हमारे सांसद हमेशा जनता से जुड़े रहते हैं। इसीलिए उनसे प्राप्त सूचना एवं सुझावों को सदन में रखते हैं। कोविड-19 महामारी के दौरान भी हमारी संसद ने सांसदों और जनता के बीच संपर्क बनाए रखा। जरूरतमंद लोगों को हर संभव मदद भी मुहैया कराई गई। बिरला कल संसद अध्यक्षों के पांचवें विश्व सम्मेलन के वर्चुअल उद्घाटन सत्र में भी शामिल हुए।

मानसून सत्र की तैयारियां जोरों पर

वहीं, दूसरी ओर कोरोना संकट से जूझती दुनिया में रोजमर्रा के कामकाज फिर से पटरी पर लौट रहे हैं। देश में भी लोगों ने इस महामारी के साथ जीना सीख लिया है। ऐसे वक्त में संसद के मानसून सत्र का अगस्त के आखिरी सप्ताह या सितंबर के पहले सप्ताह में आयोजन किया जा सकता है। हालांकि कोरोना संक्रमण को देखते हुए संसद में पहली बार नई प्रक्रियाओं को अपनाया जाएगा। इनमें शारीरिक दूरी का पालन सुनिश्चित करने के नियमों के साथ ही बैठने की व्यवस्था में बदलाव सहित कई सुरक्षात्मक कदम उठाए जाएंगे। राज्यसभा सचिवालय के मुताबिक, सत्र के दौरान राज्यसभा और लोकसभा सदस्य दोनों कक्षों और दीर्घाओं में बैठेंगे।


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