Move to Jagran APP

संसदीय अध्यक्षों के सम्मेलन में भाग लेंगे ओम बिरला और हरिवंश, इटली की राजधानी रोम में होना है आयोजन

संसदीय सूत्रों ने बताया कि कोरोना महामारी से उत्पन्न सामाजिक और रोजगार संकट से निपटने समेत कई मुद्दों पर सम्मेलन में चर्चा होगी। अंतर-संसदीय संघ के अध्यक्ष दुआर्ते पचेको सम्मेलन के आरंभिक सत्र को संबोधन करेंगे। इटली के प्रधानमंत्री मारियो द्रागी मुख्य वक्ता होंगे

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Sun, 03 Oct 2021 06:06 PM (IST)Updated: Sun, 03 Oct 2021 06:06 PM (IST)
संसदीय अध्यक्षों के सम्मेलन में भाग लेंगे ओम बिरला और हरिवंश, इटली की राजधानी रोम में होना है आयोजन
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश की फाइल फोटो

नई दिल्ली, एएनआइ। जी-20 संसदीय अध्यक्षों का सातवां शिखर सम्मेलन सात और आठ अक्टूबर को इटली की राजधानी रोम में होना है। इस सम्मेलन में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश, संसद के दोनों सदनों के महासचिव समेत भारत का आठ सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल भाग लेगा।

loksabha election banner

संसदीय सूत्रों ने बताया कि कोरोना महामारी से उत्पन्न सामाजिक और रोजगार संकट से निपटने समेत कई मुद्दों पर सम्मेलन में चर्चा होगी। अंतर-संसदीय संघ के अध्यक्ष दुआर्ते पचेको सम्मेलन के आरंभिक सत्र को संबोधन करेंगे। इटली के प्रधानमंत्री मारियो द्रागी मुख्य वक्ता होंगे। सूत्रों ने बताया कि सम्मेलन में सामाजिक और आर्थिक स्थिरता के संदर्भ में आर्थिक विकास को बढ़ावा और कोरोना महामारी के बाद खाद्य सुरक्षा पर भी चर्चा की जाएगी।

जी- 20 की अध्यक्षता 1 दिसंबर 2020 से इटली द्वारा की जा रही है। 2021 में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय महामारी से उत्पन्न चुनौतियों पर काबू पाने पर ध्यान केंद्रित करेगा और जलवायु परिवर्तन से संबंधित मुद्दों का समाधान करेगा।

एसडीजी लक्ष्यों को प्राप्त करने पर संसदीय बैठक

अंतर-संसदीय संघ के अनुसार सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को प्राप्त करने पर पहली वैश्विक संसदीय बैठक में सितंबर के अंत में दुनिया के सभी क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करने वाली 70 से अधिक संसदों ने भाग लिया। बैठक का उद्देश्य कोरोना महामारी के कारण आने वाली चुनौतियों और बाधाओं को अवसरों में कैसे बदलना है, इस पर चर्चा करना है।

आईपीयू के अध्यक्ष डुआर्टे पाचेको ने कहा कि सदस्य एसडीजी के प्रति स्वैच्छिक प्रतिबद्धता को लागू करने योग्य कानूनों में बदलने की क्षमता के माध्यम से एसडीजी की प्राप्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, सरकारों को विकास नीति विकल्पों और रणनीतियों और राष्ट्रीय बजट को अपनाने के लिए जिम्मेदार ठहराते हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आईपीयू में हम विशेष रूप से इस अवधि के दौरान संसदों द्वारा किए गए प्रयासों और प्रतिबद्धता की सराहना करते हैं, जिसने हमारे जीवन को नाटकीय रूप से हिलाकर रख दिया, लेकिन साथ ही हम आश्वस्त हैं कि अगर एसडीजी संसद के काम में मजबूती से अंतर्निहित हैं, तो हम इसके प्रगति और परिणाम को प्रभावी देखना शुरू कर सकते हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.