भारत-नेपाल सीमा की सुरक्षा परख रहे NSA अजीत डोभाल Gorakhpur News
राष्ट्र विरोधी तत्वों द्वारा खुली सीमा का दुरुपयोग करने की लगातार मिल रही रिपोर्ट के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल स्वयं भारत-नेपाल सीमा की सुरक्षा परख रहे हैं।
गोरखपुर, नवनीत प्रकाश त्रिपाठी। नेपाल से लगने वाली भारत की सीमा पर अब पहरा और सख्त होगा। राष्ट्र विरोधी तत्वों द्वारा खुली सीमा का दुरुपयोग करने की लगातार मिल रही रिपोर्ट के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल ने पिछले दिनों दिल्ली में बैठक बुलाई थी। इसमें सीमा पर तैनात खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों तथा सीमावर्ती जिले के पुलिस अधिकारी शामिल हुए। गोरखपुर परिक्षेत्र से डीआइजी रेंज राजेश मोदक इस बैठक भाग लेने गए थे।
पगडंडी के रास्ते से भी होती है आवाजाही
गोरखपुर परिक्षेत्र के दो जिलों महराजगंज और कुशीनगर की करीब 102 किमी लंबी सीमा नेपाल से लगती है। दोनों देशों में आवाजाही के लिए महराजगंज में जिले में सोनौली, ठूठीबारी (महेशपुर) और झुलनीपुर में ही अधिकृत रास्ते हैं, लेकिन सामान्य आवाजाही के लिए सीमाई इलाके में रहने वाले दोनों देशों के लोगों ने अपनी सुविधानुसार जगह-जगह पगडंडी रास्ते बना रखे हैं। सीमा की सुरक्षा में लगी एजेंसियों के लिए यही पगडंडी रास्ते बड़ी चुनौती साबित हो रहे हैं। खुफिया रिपोर्टों के मुताबिक देश विरोधी तत्व तस्करी और अन्य गतिविधियों को अंजाम देने के लिए इन्हीं पगडंडियों का इस्तेमाल करते हैं। इस वजह से सुरक्षा एजेंसियों को खासी मुश्किल पेश आती है। इससे निपटने की रणनीति बनाने के लिए ही राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने गुरुवार को दिल्ली में यह बैठक बुलाई थी।
सीमा पर कटीले तारों की बाढ़ लगाने की सलाह
बैठक में शामिल सुरक्षा एजेंसियों तथा उत्तर प्रदेश और बिहार के पुलिस अधिकारियों ने दोनों देशों की सीमा पर कटीले तारों की बाढ़ लगाने का सुझाव दिया है। हालांकि इस काम में दोनों की सीमा पर स्थित गांवों के बिल्कुल सटे होने की वजह से आने वाली दिक्कतों का भी प्रस्ताव में उल्लेख किया गया है।
सीमा को लेकर विवाद पर भी हुई चर्चा
दोनों देशों के बीच कुछ हिस्सों में सीमा को लेकर विवाद है। खासकर उन स्थानों पर जहां सीमा के दोनों तरफ बसे गांव लगभग एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। इस तरह के गांवों को लेकर दोनों देशों के बीच सीमा विवाद काफी गहरा है। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने ऐसे विवादों की विस्तार से जानकारी ली है।
सुरक्षा के साथ पारंपरिक रिश्ता कायम रखने की है चुनौती
दोनों देशों के बीच बेटी-रोटी का रिश्ता सदियों पुराना है। सीमाई इलाके में एक देश के लोगों की दूसरे देश में शादियां होना आम बात हैं। इसी तरह काम की तलाश में रोज बड़ी संख्या में लोग एक देश से दूसरे देश में आते-जाते रहते हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने माना है कि सीमा पर सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम करने के साथ इस ऐतिहासिक संबंध को भी बचाए रखना भी बड़ी चुनौती होगी।
नेपाल से लगने वाली सीमा की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा के लिए बैठक बुलाई गई थी। सुरक्षा इंतजाम को और पुख्ता बनाने के लिए रणनीति तैयार की जा रही है ताकि खुली सीमा का दुरुपयोग न हो सके। - राजेश मोदक, डीआइजी परिक्षेत्र