विरोध करने वाले राज्यों में शामिल छत्तीसगढ में छह माह पहले ही जारी हो चुकी NPR की अधिसूचना
छत्तीसगढ़ NPR को लागू नहीं करने की बात कह रहा है। जबकि हकीकत यह है कि राज्य में इसको लेकर बीते अक्टूबर में ही अधिसूचना जारी हो चुकी है। पढ़ें दिलचस्प रिपोर्ट...
रायपुर, जेएनएन। संशोधित नागरिकता कानून (Citizenship Amendment Act 2019) यानी CAA के बाद देशभर में राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (National Population Register, NPR) को लेकर भी सियासत गर्म है। CAA का विरोध कर चुके गैरभाजपा शासित राज्य अब NPR को भी नहीं लागू करने की बात कह रहे हैं। छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू भी कह चुके हैं कि हम एनपीआर लागू नहीं करेंगे लेकिन राज्य में इसको लेकर बीते अक्टूबर में ही अधिसूचना जारी हो चुकी है। इतना ही नहीं प्रशासन एक अप्रैल से इस पर कार्यवाही करने की तैयारी में भी है।
सामान्य प्रक्रिया बता रहे अधिकारी
जनगणना निदेशालय और गृह विभाग के अधिकारियों की मानें तो छत्तीसगढ़ ही नहीं देश के अधिकांश राज्यों में अगस्त से अक्टूबर के बीच यह नोटिफिकेशन जारी हो चुका है। मालूम हो कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 31 जुलाई 2019 को जो अधिसूचना जारी की थी उसी को राज्यों ने भी अपने गजट में प्रकाशित किया है। अधिकारी बताते हैं केंद्र की किसी अधिसूचना को हुबहू लागू करने की यह सामान्य प्रक्रिया है। हालांकि अधिकारी किसी भी आधिकारिक टिप्पणी से बच रहे हैं।
यह लिखा है गजट में
नागरिकता (नागरिकों का रजिस्ट्रीकरण और राष्ट्रीय पहचान पत्रों का जारी करना) नियमावली 2003 के नियम 3 के उप नियम (4) के अनुसरण में केंद्र सरकार एतद् द्वारा जनसंख्या रजिस्टर तैयार करने और उसे अद्यतन करने का निर्णय लेती है। स्थानीय रजिस्ट्रार के क्षेत्राधिकार के अंतर्गत सामान्य तौर पर रहने वाले सभी व्यक्तियों की संबंधित जानकारी एकत्र करने के लिए असम के अलावा देश भर में घर-घर जाकर गणना करने संबंधी फील्ड कार्य एक अप्रैल से प्रारंभ होकर 30 सितंबर 2020 की अवधि में किया जाएगा।
बजट सत्र में होगा सीएए पर फैसला
गृह विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हम अपना काम कर रहे हैं। अधिसूचना के अनुसार, एक अप्रैल से फील्ड में काम शुरू हो जाएगा, बाकी सब राजनीतिक नेतृत्व को तय करना है। वैसे इस बारे में राज्य के गृहमंत्री साहू से संपर्क किया गया लेकिन उनके राजिम मेले में व्यस्त होने के कारण बात नहीं हो पाई। वैसे राज्य कैबिनेट सीएए वापस लेने की मांग केंद्र सरकार से कर चुकी है। सोमवार से शुरू हो रहे बजट सत्र में भी यह प्रस्ताव आएगा। अधिकारियों के अनुसार, यह संभव है कि एनपीआर को लेकर भी विधानसभा में ही कोई फैसला हो।