आजम ने विधायक बेटे के बनवाये दो-दो जन्म प्रमाणपत्र, RTI से हुआ खुलासा
अब्दुल्ला आजम की उम्र का विवाद पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में शुरू हुआ था। तब अब्दुल्ला स्वार-टांडा विधानसभा क्षेत्र से सपा प्रत्याशी थे
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। जलनिगम भर्ती घोटाले समेत कई संगीन आरोपों से घिरे सपा सरकार के पूर्व मंत्री आजम खां की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। आजम खां, उनकी पत्नी राज्यसभा सदस्य डॉ. तंजीन फातिमा व विधायक बेटे अब्दुल्ला आजम पर धोखाधड़ी का गंभीर आरोप लगा है। भाजपा के लघु उद्योग प्रकोष्ठ, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के संयोजक आकाश कुमार सक्सेना का कहना है कि आजम खां ने अपने बेटे अब्दुल्ला के रामपुर व लखनऊ से दो अलग-अलग जन्म प्रमाणपत्र बनवाये हैं और इनके जरिये अब्दुल्ला के दो पासपोर्ट बनवाये गये हैं।
इसके पीछे गहरी साजिश है। आकाश ने आरटीआइ के जरिये अहम साक्ष्य भी जुटाये हैं। पूरे प्रकरण में नगर पालिका व पासपोर्ट विभाग के अधिकारियों की भूमिका भी कठघरे में आ गई है। आकाश की शिकायत पर प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार ने पूरे प्रकरण की जांच एसपी रामपुर को सौंपी है।
सक्सेना ने गुरुवार को पत्रकारों से बातचीत में आरोप लगाया कि आजम खां ने अपने बेटे अब्दुल्ला के खिलाफ मुकदमे में हाई कोर्ट को गुमराह करने तथा जौहर विश्वविद्यालय में अनैतिक रूप से लाभ देने की दृष्टि से उसके दो जन्म प्रमाण पत्र बनवाये। एक जन्म प्रमाणपत्र 28 जून 2012 को रामपुर की नगर पालिका परिषद से जारी हुआ, जिसमें अब्दुल्ला का जन्म स्थान रामपुर दर्शाया गया है। इसे बनवाने के लिए आजम खां व उनकी पत्नी तंजीन ने शपथ पत्र लगाया। दूसरा जन्म प्रमाणपत्र 21 जनवरी 2015 को लखनऊ नगर निगम से जारी हुआ, जिसमें अब्दुल्ला का जन्म स्थान लखनऊ दर्शाया गया।
इसे बनवाने के लिए क्वीन मैरी हास्पिटल का जन्म प्रमाणपत्र भी इस्तेमाल किया गया, जिसमें जन्मतिथि 30 सितंबर 1990 अंकित है। आरोप है कि रामपुर में बने जन्म प्रमाणपत्र का प्रयोग कर अब्दुल्ला ने अपना पहला पासपोर्ट बरेली से बनवाया था, जिसमें उनकी जन्मतिथि एक जनवरी 1993 दर्ज कराई गई। इस पासपोर्ट की वैद्यता 2022 तक थी। इसके बावजूद अब्दुल्ला ने दूसरे जन्म प्रमाणपत्र के जरिये जन्म स्थान व जन्म तिथि बदलकर दूसरा पासपोर्ट 2018 में बनवाया। आकाश का कहना है कि दस्तावेजों में कई खेल हैं। अब्दुल्ला का जन्म लखनऊ के जिस अस्पताल में होना बताया गया, उसका प्रमाणपत्र 21 अप्रैल 2015 को जारी हुआ, जबकि लखनऊ नगर निगम ने बिना किसी प्रमाण के जन्म प्रमाणपत्र 21 जनवरी 2015 को ही जारी कर दिया।
एफआइआर दर्ज कराने की मांग
आकाश का आरोप है कि आजम ने नगर विकास मंत्री के पद पर रहते हुए अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर यह सब करवाया। उन्होंने प्रमुख सचिव गृह को दिये प्रार्थनापत्र में आजम, उनकी पत्नी व बेटे के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराये जाने की मांग भी की है।
डीएम रामपुर से की थी शिकायत
आकाश का कहना है कि उन्होंने 2017 में डीएम रामपुर से मामले की शिकायत की थी, जिस पर डीएम ने 30 अगस्त 2017 को तत्कालीन क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी, बरेली से रिपोर्ट मांगी थी। इसके बावजूद पासपोर्ट जारी कर दिया गया। आरोप है कि तत्कालीन पासपोर्ट अधिकारी नसीम अहमद पूर्व मंत्री के करीबी थे।
आजम पर चल रहे हैं कई मामले
आजम खां के खिलाफ इलाहाबाद रेवेन्यू बोर्ड में 14 मामले चल रहे हैं, जिनमें वादी आकाश सक्सेना हैं। आकाश के अनुसार, इनमें 10 मामले एससी-एसटी की जमीन हड़पने के हैं और चार मामले सरकारी सड़कों पर कब्जे के हैं। रामपुर में 2017 में आजम खां के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट के तहत भी एक केस दर्ज हुआ था। आकाश ने भारत माता व भारतीय सैनिकों पर आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर जून 2017 में भी आजम खां के खिलाफ केस किया था, जिसकी सुनवाई कोर्ट में चल रही है।