रियल एस्टेट के लिए बने एक्ट लागू करने के लिए पूर्वोत्तर के राज्य राजी, जानिये क्या है अड़चन
रियल एस्टेट रेगुलेशन एक्ट (रेरा) बनाए जाने के करीब दो साल बाद पूर्वोत्तर के छह राज्य आखिरकार इसे लागू करने पर सहमत हो गए हैं।
नई दिल्ली, प्रेट्र। रियल एस्टेट रेगुलेशन एक्ट (रेरा) बनाए जाने के करीब दो साल बाद पूर्वोत्तर के छह राज्य आखिरकार इसे लागू करने पर सहमत हो गए हैं। अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, मणिपुर, मिजोरम, नगालैंड और सिक्किम जमीन और दूसरे मुद्दों की वजह से रेरा को अधिसूचित नहीं कर रहे थे।
केंद्रीय आवास एवं शहरी मंत्रालय के एक दल ने 26 अक्टूबर को पूर्वोत्तर राज्यों का दौरा किया था। इस दौरान रेरा को लेकर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। दल ने राज्यों के प्रतिनिधियों के साथ कानून को अधिसूचित करने की राह में रोड़ा बन रहे मुद्दों पर भी चर्चा की। केंद्रीय आवास एवं शहरी मंत्रालय के सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने बताया, 'पूर्वोत्तर राज्य रेरा को लागू करने पर सहमत हो गए हैं। हम उन्हें रेरा के नियमों को अधिसूचित करने में मदद कर रहे हैं।'
गौरतलब है कि घर खरीदारों के हितों की सुरक्षा के लिए बनाए गए इस कानून को संसद ने वर्ष 2016 में पारित किया था। राज्यों को यह छूट दी गई थी कि कानून की मूल भावना के अनुरूप संबंधित नियमों को लगू करें और प्राधिकरण बनाएं।
पूर्वोत्तर के छह राज्यों और पश्चिम बंगाल को छोड़कर देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने रेरा को लागू कर दिया था। पश्चिम बंगाल ने खुद का कानून 'हाउसिंग एंड इंडस्टि्रयल रेगुलेशन एक्ट 2017' लागू किया है।