अमित शाह ने एनआरसी सूची में गड़बड़ी को लेकर कहा- पूरे देश में नहीं बचेगा एक भी घुसपैठिया
जनजातियों को आपस में लड़ाकर की जा रही राजनीति के खात्मे का ऐलान करते हुए अमित शाह ने कहा कि पूर्वोत्तर के सभी जनजातीय जल्द ही टकराव और भ्रष्टाचार से मुक्त होंगे।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। एनआरसी की फाइनल सूची में खामी की आशंकाओं के बीच गृहमंत्री अमित शाह ने साफ कर दिया है कि घुसपैठियों के लिए देश में कोई जगह नहीं है और सिर्फ असम ही नहीं, पूर्वोत्तर भारत के सभी राज्यों समेत पूरे देश में एक भी घुसपैठिया नहीं बचेगा। गुवाहाटी में पूर्वोत्तर जनतांत्रिक गठबंधन (नेडा) के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अमित शाह ने अनुच्छेद 371 में किसी तरह का बदलाव नहीं होने का आश्वासन दिया।
पूर्वोत्तर भारत 'न्यू इंजिन ऑफ ग्रोथ' है
पूर्वोत्तर भारत के विकास में सभी सहयोगी दलों को एकजुट होकर काम करने का आह्वान करते हुए अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए पूर्वोत्तर भारत सिर्फ 'नार्थ इस्ट' भर नहीं है, जैसा कि 2014 के पहले देखा जाता था, बल्कि देश के विकास के लिए 'न्यू इंजिन ऑफ ग्रोथ' है।
विकास की गतिविधियों में तेजी
उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर भारत के विकास को लेकर प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता का नतीजा है कि 2014 के बाद इस क्षेत्र में विकास की गतिविधियों में तेजी आई है। उन्होंने उम्मीद जताई कि आन वाले समय में यह क्षेत्र व्यापार के बड़े केंद्र के रूप में विकसित करेगा और दिल्ली के युवा गुवाहाटी और मेघालय में नौकरी की तलाश में आएंगे। शाह ने कहा कि भारत के कुल वन क्षेत्र के 26 फीसदी हिस्से के साथ पूर्वोत्तर के राज्य एक तरह से देश के फेफड़े की तरह हैं।
अनुच्छेद 371 में नहीं होगा बदलाव
अनुच्छेद 370 के बाद 371 में बदलाव की अटकलों को खारिज करते हुए अमित शाह ने साफ कर दिया कि संविधान में 370 को अस्थायी रूप में जोड़ा गया था। वहीं 371 के प्रावधान स्थायी हैं और यह पूर्वोत्तर राज्यों का अधिकार है। इस क्षेत्र की सांस्कृतिक पहचान को अक्षुण्ण रखने के लिए इसे बनाए रखा जाएगा। घुसपैठियों के खिलाफ सख्त रवैये के साथ ही अमित शाह ने पूर्वोत्तर राज्यों को नागरिकता कानून में प्रस्तावित संशोधन को लेकर भी आश्वस्त किया।
डरने की जरूरत नहीं
उन्होंने कहा कि इस संशोधन को लेकर पूर्वोत्तर के राज्यों को डरने की कोई जरूरत नहीं है। ध्यान देने की बात है कि सरकार नागरिकता कानून में संशोधन के जरिये पाकिस्तान, बांग्लादेश, म्यांमार और अफगानिस्तान में प्रताड़ना की वजह से आए धार्मिक अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने का प्रस्ताव है। कुछ संगठन इससे पूर्वोत्तर राज्यों में जनसंख्या अनुपात बिगड़ने की आशंका को लेकर इसका विरोध कर रहे थे।
जनजातीय होंगे भ्रष्टाचार से मुक्त
विभिन्न जनजातियों को आपस में लड़ाकर आजादी के बाद की जा रही राजनीति के खात्मे का ऐलान करते हुए अमित शाह ने कहा कि पूर्वोत्तर के सभी जल्द ही जनजातीय टकराव और भ्रष्टाचार से मुक्त होंगे। उन्होंने कहा कि 2022 तक पूर्वोत्तर के सभी राज्य रेल और वायु सेवाओं से जुड़ जाएंगे। अब उन्हें विकास के लिए एकजुट होकर प्रयास करने की जरूरत है।
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