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असम के मुख्यमंत्री पर अभी फैसला नहीं, भाजपा के नवनिर्वाचित विधायक दो धड़ों में बंटे, नरेंद्र सिंह तोमर आज जाएंगे असम

असम में भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन ने विधानसभा चुनाव तो जीत लिया है लेकिन अभी तक यह तय नहीं हो पाया है कि राज्य का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा। पार्टी के नवनिर्वाचित विधायक दो धड़ों में बंट गए हैं।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Tue, 04 May 2021 01:25 AM (IST)Updated: Tue, 04 May 2021 01:25 AM (IST)
असम के मुख्यमंत्री पर अभी फैसला नहीं, भाजपा के नवनिर्वाचित विधायक दो धड़ों में बंटे, नरेंद्र सिंह तोमर आज जाएंगे असम
केंद्रीय पर्यवेक्षक के तौर पर नरेंद्र सिंह तोमर आज पहुंच सकते हैं असम।

गुवाहाटी, प्रेट्र। असम में भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन ने विधानसभा चुनाव तो जीत लिया है, लेकिन अभी तक यह तय नहीं हो पाया है कि राज्य का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा। पार्टी के नवनिर्वाचित विधायक दो धड़ों में बंट गए हैं। एक धड़ा वर्तमान मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल का समर्थन कर रहा है जबकि दूसरा धड़ा हिमंता बिस्व सरमा को मुख्यमंत्री बनाए जाने के पक्ष में है।

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भाजपा ने चुनाव से पहले मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित नहीं किया था

दरअसल, ऊहापोह की यह स्थिति इसलिए पैदा हुई है क्योंकि पिछली बार की तरह भाजपा ने इस बार चुनाव से पहले अपना मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित नहीं किया था। जबकि वर्ष 2016 के विधानसभा चुनाव पार्टी ने सर्बानंद सोनोवाल को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करके लड़ा था।

असम भाजपा अध्यक्ष ने कहा- मुख्यमंत्री का फैसला भाजपा संसदीय बोर्ड करेगा

असम भाजपा अध्यक्ष रंजीत कुमार दास ने बताया कि मुख्यमंत्री का फैसला भाजपा संसदीय बोर्ड करेगा। पार्टी एक पर्यवेक्षक को भेज रही है। वह सभी पक्षों से बात करेंगे और उनकी रिपोर्ट के आधार पर फैसला लिया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय पर्यवेक्षक के तौर पर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के मंगलवार को गुवाहाटी पहुंचने की संभावना है।

सोनोवाल ने दिया लोगों को धन्यवाद

विधानसभा चुनावों में भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन को स्पष्ट बहुमत देने के लिए मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने सोमवार को राज्य के सभी वर्गो के लोगों को धन्यवाद दिया। बराक व ब्रह्मपुत्र घाटी और राज्य के अन्य हिस्सों के लोगों के प्रति आभार जताते हुए उन्होंने कहा कि चार प्रमुख क्षेत्रों में उनकी सरकार के प्रदर्शन की वजह से लोगों ने राजग में फिर विश्वास जताया है। ये चार क्षेत्र हैं- राज्य का विकास, भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई, शांति और सद्भाव को मजबूती और असमी लोगों की पहचान व अस्तित्व की सुरक्षा।

भाजपा को 33.21 फीसद वोट

असम में भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने 126 सदस्यीय विधानसभा में 75 सीटें हासिल करके बहुमत हासिल किया है। इसमें अकेले भाजपा ने 33.21 फीसद मत पाकर 60 सीटें हासिल की हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में भी भाजपा को इतनी ही सीटें मिली थीं।

भाजपा की सहयोगी असम गण परिषद ने हासिल की नौ सीटें 

भाजपा की सहयोगी असम गण परिषद (एजीपी) ने नौ सीटें हासिल की हैं जो पिछले चुनाव में हासिल सीटों से पांच कम है। इसी तरह अन्य सहयोगी यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल (यूपीपीएल) ने छह सीटें हासिल की हैं और उसने यह सभी सीटें बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट (बीपीएफ) से छीनी हैं। बीपीएफ ने इस बार एनडीए से नाता तोड़कर कांग्रेस के नेतृत्व वाले गठबंधन के तहत चुनाव लड़ा था।

भाजपा ने 49 सीटों पर अपनी पकड़ बरकरार रखी, 11 नई सीटों पर जीत हासिल की 

इस चुनाव में भाजपा ने 49 सीटों पर अपनी पकड़ बरकरार रखी है और 11 नई सीटों पर जीत हासिल की है। कांग्रेस ने 15 सीटों पर अपनी पकड़ बरकरार रखी है। आठ विधानसभा क्षेत्र ऐसे रहे जहां जीत का अंतर एक लाख से अधिक मतों का रहा। इनमें तीन-तीन सीटें आल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआइयूडीएफ) और भाजपा के खाते में गईं जबकि दो सीटों पर कांग्रेस ने जीत हासिल की। राज्य में एआइयूडीएफ के रफीकुल इस्लाम (जानिया सीट) ने सबसे अधिक अंतर (1,44,775 मत) से जीत हासिल की। जबकि कांग्रेस विधायक दल के नेता देबब्रत सैकिया (नाजिरा सीट) को सबसे कम अंतर (683 मत) से जीत मिली।

असम में जेल से जीतने वाले पहले नेता बने अखिल गोगोई

नवगठित पार्टी रायजोर दल के नेता और शिवसागर सीट से निर्दलीय प्रत्याशी अखिल गोगोई ऐसे पहले असमी बन गए हैं जो जेल में बंद रहते हुए चुनाव जीत गए हैं। उन्होंने भाजपा प्रत्याशी सुरभि को 11,875 मतों से पराजित किया। वह सीएए का विरोध करने के कारण जेल में बंद हैं।

दलीय स्थिति

पार्टी                सीटें    मत प्रतिशत

भाजपा             60       33.21

कांग्रेस             29        29.7

एआइयूडीएफ   16          9.29

एजीपी             09           7.91

यूपीपीएल         06         उपलब्ध नहीं

बीपीएफ          04            3.39

माकपा            01            0.84

निर्दलीय          01          उपलब्ध नहीं

नोटा  1.14

हार का विश्लेषण करने को कांग्रेस बनाएगी उच्चस्तरीय समिति

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय महासचिव जितेंद्र सिंह ने सोमवार को बताया राज्य में विपक्षी गठबंधन की हार का विश्लेषण करने के लिए कांग्रेस एक उच्चस्तरीय समिति का गठन करेगी जो कमियों को दूर करने के लिए सुझाव भी देगी। एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में गठबंधन ने कहा कि क्षेत्रीय मोर्चे असम जातीय परिषद (एजेपी) और रायजोर दल ने ऊपरी असम में उन्हें करीब 10 सीटों पर नुकसान पहुंचाया जिसकी वजह से राजग को स्पष्ट बहुमत मिल गया।


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