नितिन गडकरी बोले, पांच राज्यों में हार की जिम्मेदारी भी ले नेतृत्व
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि नेतृत्व को हार और विफलता की भी जिम्मेदारी स्वीकार करनी चाहिए।
पुणे, प्रेट्र। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि नेतृत्व को हार और विफलता की भी जिम्मेदारी स्वीकार करनी चाहिए। केंद्रीय मंत्री ने यह बयान हाल ही में तीन हिंदी भाषी राज्यों में पार्टी की हार के बाद यह टिप्पणी की है।
सोच समझकर बोलने के लिए मशहूर भाजपा के कद्दावर नेता ने इशारे इशारे में कहा कि कोई भी सफलता की तरह विफलता की जवाबदेही नहीं लेना चाहता है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने कहा, 'सफलता के कई पिता हैं लेकिन विफलता अनाथ है। जब भी सफलता मिलती है तो उसका श्रेय लूटने की होड़ मच जाती है। लेकिन जब विफलता होती है तो हर काई एक दूसरे पर अंगुली उठाना शुरू कर देता है।'
केंद्रीय मंत्री पुणे जिला शहरी सहकारिता बैंक संघ लिमिटेड की ओर से आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, 'कभी बैंक सफलता हासिल करता है और कभी-कभी उसे विफलता का सामना करना पड़ता है। बैंक को दोनों स्थितियों का सामना करना होगा। राजनीति में जब विफलता होती है तो एक समिति गठित की जाती है। लेकिन सफलता की स्थिति में आपसे कोई पूछने भी नहीं आएगा।'
उन्होंने कहा कि मौजूदा स्थिति में बैंक में सकट को और गंभीर बनाया जा रहा है। बैंकों की चूक को दुरुस्त किया जाना चाहिए। गडकरी ने कहा कि यदि एक बैंक एनपीए के कारण खराब स्थिति में आ गया है तो उस स्थिति से उबारने के लिए नीति होनी चाहिए।