Article 370 पर शिवसेना ने कहा- आज हमने जम्मू और कश्मीर लिया, कल इसकी बारी...
शिवसेना नेता सजय राउत ने कहा कि जिस तरह से मोदी सरकार ने धारा 370 को खत्म किया है। मुझे विश्वास है कि यह सरकार अविभाजित भारत के सपने को पूरा करेगी।
नई दिल्ली, एएनआइ। केंद्र सरकार ने एतिहासिक फैसला लेते हुए Article 370 और 35A को खत्म कर दिया है। इसके तहत जम्मू-कश्मीर से लद्दाख को अलग कर दिया गया है। अब जम्मू-कश्मीर और लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश बन जाएंगे। सारकार के इस फैसले को कई पार्टियों ने अपना समर्थन दिया है। शिवसेना ने सरकार के फैसले पर खुशी जाहिर करते हुए कहा है कि अनुच्छेद 370 को खत्म करने के बाद अब बलूचिस्तान और PoK की बारी है।
शिवसेना नेता संजय राउत ने राज्यसभा में सरकार के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि जिस तरह से मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर में धारा 370 को खत्म किया है। उसी तरह बलूचिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) को भी वापस ले लेगी।
उन्होंने कहा 'आज, हमने जम्मू और कश्मीर लिया है। कल, हम बलूचिस्तान और पीओके को भी ले लेंगे। मुझे विश्वास है कि देश के पीए अखंड भारत के सपने को पूरा करेंगे।
Sanjay Raut, Shiv Sena in Rajya Sabha: Aaj Jammu & Kashmir liya hai. Kal Balochistan, PoK lenge. Mujhe vishwaas hai desh ke PM akhand Hindustan ka sapna poora karenge. pic.twitter.com/l8Gdq64Mu2 — ANI (@ANI) August 5, 2019
वहीं, शिवसेना ने पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती पर भी सीधा हमला बोला। पार्टी ने कहा कि अनलॉफुल एक्टिविटिज प्रीवेंशन एक्ट (UAPA) के तहत पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती को आतंकवादी घोषित किया जाना चाहिए और आतंकवाद की भाषा बोलने के लिए उन्हें जेल भेज देना चाहिए।
पार्टी ने अपने मुखपत्र सामना में कहा, 'महबूबा मुफ्ती ने अनुच्छेद 35A पर चेतावनी दी है। कश्मीर के लोगों को बलिदान के लिए तैयार रहना चाहिए। महबूबा अलगाववादियों की भाषा बोल रही हैं। गृह मंत्री को इसे बर्दाश्त नहीं करना चाहिए। यह आतंकवाद की भाषा है।'
बता दें कि शिवसेना केंद्र में भाजपा के प्रमुख सहयोगियों में से एक है और लोकसभा चुनाव से पहले एक बार फिर भाजपा के साथ गठबंधन किया है।
बलूचिस्तान के लोग पाकिस्तान के साथ अपने अधिकारों को लेकर दशकों से युद्ध लड़ रहे हैं, लेकिन उन्हें देशद्रोही और अतिवादी करार दिया जा रहा है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू और कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को खत्म करने की घोषणा की। इसके तुरंत बाद राज्यसभा में भारी हंगामे के साथ विपक्षी सांसदों ने सदन के वेल में विरोध प्रदर्शन किया।
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