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अगले समूह-7 बैठक में मिलेगी नए विश्व आर्डर की झलक, ब्रिटेन ने भारत, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण कोरिया को बुलाया

ब्रिटेन में होने वाली अगली समूह-7 देशों की बैठक में भारत को भी आमंत्रित किया गया है। ब्रिटेन के इस आमंत्रण को स्वीकार कर भारतीय पीएम ने स्पष्ट कर दिया है कि नई विश्व व्यवस्था अब आकार लेने लगी है। पढ़ें समूह-7 देशों की बैठक को लेकर यह रिपोर्ट...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Wed, 16 Dec 2020 09:29 PM (IST)Updated: Thu, 17 Dec 2020 01:32 AM (IST)
ब्रिटेन में होने वाली अगली समूह-7 देशों की बैठक में भारत को भी आमंत्रित किया गया है।

जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ महीने पहले कहा था कि कोविड के बाद नई दुनिया होगी और नई विश्व व्यवस्था होगी। ब्रिटेन में होने वाली अगली समूह-7 देशों की बैठक में शामिल होने के आमंत्रण को स्वीकार कर भारतीय पीएम ने स्पष्ट कर दिया है कि नई विश्व व्यवस्था अब आकार लेने लगी है। ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन ने भारत के अलावा आस्ट्रेलिया और दक्षिण कोरिया के राष्ट्राध्यक्षों को आमंत्रित कर यह संकेत दिया है कि समूह-7 देशों की जगह अब 10 लोकतांत्रिक देशों का एक संगठन आकार लेगा। 

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जी-7 में ये देश हैं शामिल 

समूह-7 में ब्रिटेन, अमेरिका, कनाडा, जर्मनी, फ्रांस, इटली और जापान लोकतांत्रिक देश हैं और भारत समेत जिन तीन देशों को आमंत्रित किया गया है वे भी लोकतंत्र हैं। समूह-7 देशों के संगठन की जगह बड़े लोकतांत्रिक देशों के संगठन को खड़ा करने के पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की है। 

ट्रंप ने भी किया था आमंत्रित 

जून, 2020 में पीएम नरेंद्र मोदी से टेलीफोन पर बात करने के बाद ट्रंप ने कहा था कि उन्होंने पीएम मोदी को समूह-7 बैठक में हिस्सा लेने के लिए आमंत्रित किया है। इसकी पुष्टि भारतीय विदेश मंत्रालय ने की थी और पीएम मोदी ने सितंबर, 2020 में अमेरिका में प्रस्तावित इस बैठक में हिस्सा लेने की सहमति भी दी थी। लेकिन कोविड की वजह से यह आयोजन वैसा नहीं हो सका। 

डोमिनिक राब ने दिया न्‍यौता 

अब वर्ष 2021 के लिए ब्रिटेन इस समूह का अगुवा है और उसने सबसे पहले भारतीय पीएम को आमंत्रित किया है। भारत के दौरे पर आये ब्रिटेन के विदेश मंत्री डोमिनिक राब ने बुधवार को जब पीएम मोदी से मुलाकात की तो इस बारे में औपचारिक आमंत्रण भी दिया और विस्तार से समूह-7 सम्मेलन की भावी रूपरेखा पर चर्चा भी की।

भारत है मजबूत साझेदार 

ब्रिटिश पीएम ने जिस गर्माहट से पीएम मोदी को आमंत्रित किया है वह इस बात से स्पष्ट होता है कि जॉनसन ने भारत को अपना एक ऐसा साझेदार बताया है जिसे अलग नहीं किया जा सकता। जानकारों की मानें तो भारत के बारे में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने कुछ ऐसा ही कहा था और उसके बाद दोनो देशों के रिश्ते प्रगाढ़ होते गये। 

बौखलाया चीन 

समूह-7 की जगह 10 लोकतांत्रिक देशों के संगठन से कौन सा देश चिंतित है, इसकी पुष्टि बुधवार को चीन सरकार के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स की रिपोìटग से होती है। ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है कि भारत ने अमेरिका के इशारे पर ब्रिटेन को एशिया में बुलाया। इसने ब्रिटेन को एशिया के लिए बाहरी शक्ति करार देते हुए यह भी कहा है कि चीन भारत व ब्रिटेन के बीच सुरक्षा क्षेत्र में संबंध मजबूत करने का जवाब शांति व स्थिरता से देगा।

भविष्य की महामारियों से लड़ेंगे भारत-ब्रिटेन

भारत और ब्रिटेन के बीच कोरोना के लिए वैक्सीन बनाने को लेकर तो साझा प्रयास चल रहा है लेकिन दोनो देशों ने यह फैसला भी किया है कि भविष्य में जो महामारियां आएंगी उसके लिए भी वैक्सीन बनाने में सहयोग किया जाएगा। बुधवार को पीएम नरेंद्र मोदी से जब ब्रिटेन के विदेश मंत्री डोमिनिक राब ने मुलाकात की तो इस बारे में विस्तार से बात की। दोनो देशों की तरफ से कोरोना वायरस के खिलाफ साझा लड़ाई में मदद के लिए एक वर्चुअल यूके-इंडिया वैक्सीन हब की भी घोषणा की गई है। राब ने पीएम मोदी को बताया कि ब्रिटेन के लिए भारत के साथ रिश्ते को मजबूत करना उनकी सरकार की प्राथमिकता है। 


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