ऑस्ट्रेलियाई PM के साथ वर्चुअल बैठक को प्रधानमंत्री ने बताया व्यापार और साझेदारी का नया मॉडल
ऑनलाइन शिखर सम्मेलन के तुरंत बाद एक ट्वीट कर प्रधानमंत्री कहा कि द्विपक्षीय वर्चुअल शिखर सम्मेलन ने व्यापार के संचालन का एक नया मॉडल स्थापित किया है।
नई दिल्ली, एएनआइ। पीएम नरेंद्र मोदी और ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन के बीच आज भारत-ऑस्ट्रेलिया वर्चुअल समिट के दौरान द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन के साथ ऑनलाइन शिखर सम्मेलन को साझेदारी और व्यापार करने का एक नया मॉडल बताया है।
ऑनलाइन शिखर सम्मेलन के तुरंत बाद एक ट्वीट कर प्रधानमंत्री कहा कि द्विपक्षीय वर्चुअल शिखर सम्मेलन ने व्यापार के संचालन का एक नया मॉडल स्थापित किया है। उन्होंने कहा कि बैठक के दौरान भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंधों के संपूर्ण विस्तार पर चर्चा की गई।उन्होंने ट्वीट में लिखा- भारत-ऑस्ट्रेलिया साझेदारी का एक नया मॉडल, व्यापार के संचालन का एक नया मॉडल। भारत-ऑस्ट्रेलिया वर्चुअल समिट में मेरे प्रिय मित्र पीएम स्कॉट मॉरिसन से मुलाकात की। हमने एक उत्कृष्ट चर्चा की, जिसमें हमारे संबंधों के संपूर्ण विस्तार को शामिल किया गया।
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी के साथ, हम अपने सहयोग में अभी तक नई ऊंचाइयों को प्राप्त करने की आशा रखते हैं।
इससे पहले भारत-ऑस्ट्रेलिया वर्चुअल समिट में आज पीएम नरेंद्र मोदी और ऑस्ट्रेलियाई पीएम स्कॉट मॉरिसन ने भाग लिया। इस दौरान नौ दस्तावेजों पर दोनों देशों की ओर से हस्ताक्षर किए गए।
भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच मजबूत संबंधों पर जोर
पीएम नरेंद्र मोदी ने शिखर सम्मेलन के दौरान अपनी प्रारंभिक टिप्पणी में कहा कि उनका मानना है कि ये सही समय और सही अवसर है जो भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच संबंधों को और मजबूत करेगा।पीएम मोदी ने कहा कि हमारी दोस्ती को मजबूत बनाने की हमारे पास असीम संभावनाएं हैं। हमारे क्षेत्र और दुनिया के लिए हमारे संबंध स्थिरता का कारक कैसे बनते हैं। हम वैश्विक भलाई के लिए कैसे काम करते हैं। इन सभी पहलुओं विचार करने की आवश्यकता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत, ऑस्ट्रेलिया के साथ अपने संबंधों को व्यापक और तेजी से विस्तार देने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने आगे कहा कि यह रणनीतिक भागीदारी कोरोना संकट के इस काल में न केवल दोनों देशों के लिए महत्वपूर्ण है बल्कि इंडो-पैसिफिक क्षेत्र और दुनिया के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है।