रायपुर, राज्य ब्यूरो। नई केंद्रीय शिक्षा नीति को लेकर छत्तीसगढ़ कांग्रेस में मतभेद उभर कर सामने आए हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जहां इसका विरोध कर रहे हैं, वहीं प्रदेश के मंत्री टीएस सिंहदेव ने समर्थन किया है।
सिंहदेव ने जताई खुशी
सिंहदेव ने कहा कि कांग्रेस के घोषणा पत्र के वादों के अनुरूप बहुत सारे मुद्दों को केंद्र सरकार ने नई शिक्षा नीति में शामिल किया है। सिंहदेव ने ट्वीट करके कहा कि जनता से चर्चा के बाद तैयार कांग्रेस के जनघोषणा पत्र का असर केंद्र सरकार की नई शिक्षा नीति में दिखाई दे रहा है। इसे देखकर वास्तव में प्रसन्नता हो रही है। राज्य सरकार ने भी पहले शिक्षा के अधिकार को 12वीं कक्षा तक बढ़ाने और आंगनबाड़ी में प्री स्कूल की वकालत की थी।
सीएम भूपेश बघेल ने किया विरोध
उधर, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नई शिक्षा नीति लागू होने के बाद कहा था कि शिक्षा को केंद्रीकृत किया जाना उचित नहीं है। संविधान के अनुसार शिक्षा समवर्ती सूची का विषय है, जो राज्य और केंद्र की अपनी-अपनी नीतियों से संचालित होता है। मूलभूत शिक्षा में राज्य का प्रमुख योगदान होता है। इस वजह से प्रत्येक राज्य में अपनी अलग शिक्षा प्रणाली विकसित हुई है। शिक्षा के लिए नीति नियम बनाने की राज्यों को अभी स्वतंत्रता है, लेकिन नई नीति द्वारा पूरी व्यवस्था को केंद्रीकृत करने का प्रयास किया जा रहा है। वहीं, कांग्रेस संगठन ने भी नई शिक्षा नीति का विरोध किया है।
संगठन ने किया विरोध
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने एक बयान जारी करके कहा कि मोदी सरकार नई शिक्षा नीति द्वारा देश की भावी पीढ़ी को अपने रंग में रंगने की तैयारी में है। नई शिक्षा नीति के नाम पर अधिनायकवादी मोदी सरकार शिक्षा के बाजारीकरण, निजीकरण और पूंजीवादी व्यवस्था थोपने पर आमादा है। कोरोना आपदाकाल मोदी सरकार के लिए जनविरोधी संशोधन, अध्यादेश लादने का अवसर है। यह मोदी सरकार का संघीय ढांचे और लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ कदम है।