Money Laundering Case: राबर्ट वाड्रा को कोर्ट से राहत, अब 2 मार्च तक नहीं हो सकेगी गिरफ्तारी
कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में राबर्ट वाड्रा को बड़ी राहत दी है। मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने अग्रिम जमानत की अवधि को दो मार्च तक के लिए बढ़ा दी है।
नई दिल्ली, एएनआइ। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में राबर्ट वाड्रा और मनोज अरोड़ा को बड़ी राहत दी है। शनिवार को मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने अग्रिम जमानत की अवधि को दो मार्च तक के लिए बढ़ा दी है। इससे पहले पिछली सुनवाई में कोर्ट ने राबर्ट वाड्रा को 16 फरवरी तक गिरफ्तारी से राहत दी थी।
इससे पहले वाड्रा ने फेसबुक पर ईडी पर कई गंभीर आरोप लगाए। बीकानेर जमीन घोटाले में 4.432 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त करने पर वाड्रा ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) उन्हें अनावश्यक प्रताड़ित कर रही है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के जीजा और प्रियंका गांधी के पति राबर्ट वाड्रा ने फर्म की संपत्ति को जब्त करने पर नाराजगी जताते हुए कहा कि उनके खिलाफ सत्ता का दुरुपयोग किया जा रहा है।
फेसबुक पर राबर्ट वाड्रा ने कहा कि पिछले छह दिनों से उनसे पूछताछ की जा रहा है और हर दिन 8 से 12 घंटे तक बैठाया जाता है। उन्होंने कहा कि 40 मिनट के लंच पर भी सवाल किए गए और वॉशरूम जाते समय भी निगरानी की गई। फेसबुक पर भगवान शिव की एक तस्वीर पोस्ट कर वाड्रा ने लिखा- 'अथक उत्पीड़न।' उन्होंने कहा कि मेरे पास छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है। मैं कानून से ऊपर नहीं हूं।
वाड्रा ने कहा कि जब भी पूछताछ के लिए बुलाया गया चाहे मैं देश के किसी भी हिस्से में रहा हूं, जांच एजेंसियों का सहयोग किया है और पूरी तरह से नियमों का पालन किया। अन्य लोगों की अपेक्षा मुझसे अधिक पूछताछ की जा रही है। वाड्रा ने आरोप लगाया कि मेरे दफ्तर और मेरे ठिकानों को जांच एजेंसियों ने निगरानी में रखा है।
बता दें कि शुक्रवार को बीकानेर जमीन घोटाले में राबर्ट वाड्रा के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए ईडी ने 4.43 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर ली थी। ईडी का कहना है कि इस घोटाले से वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हास्पीटलिटी को इतने करोड़ का लाभ हुआ था। घोटाले से हुई इसी लाभ को ईडी ने मनी लांड्रिंग रोकथाम कानून के तहत जब्त किया है।
दरअसल बीकानेर में महाजन फायरिंग रेंज के निर्माण के दौरान विस्थापितों के लिए निर्धारित जमीन को कई बिचौलियों ने फर्जी नामों पर आवंटित करा लिया था। फर्जी नामों पर आवंटित 1375 बीघा जमीन को बाद में विभिन्न कंपनियों को बेच दिया गया। इनमें राबर्ट वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हास्पीटलिटी ने 275 बीघा जमीन मात्र 72 लाख रुपये में खरीद ली थी। जांच में यह भी पता चला कि विस्थापितों के लिए निर्धारित जमीन को फर्जी नामों पर आवंटित कराने में वाड्रा की कंपनी के अधिकृत प्रतिनिधि महेश नागर की अहम भूमिका थी। बाद में इस जमीन को 5.15 करोड़ रुपये में स्काईलाइट हास्पीटलिटी ने एलीजनी फिनलीज नाम की कंपनी को बेच दिया। इस तरह स्काईलाइट हास्पीटलिटी को 4.43 करोड़ का लाभ हुआ।