INX Media Case: पी चिदंबरम की न्यायिक हिरासत 3 अक्टूबर तक बढ़ाई गई
INX Media Case में आरोपी पूर्व केंद्रीय गृह और वित्त मंत्री पी चिदंबरम की न्यायिक हिरासत 3 अक्टूबर तक बढ़ा दी गई है।
नई दिल्ली, प्रेट्र/एएनआइ। INX Media Case में आरोपी पूर्व केंद्रीय गृह और वित्त मंत्री पी चिदंबरम की न्यायिक हिरासत 3 अक्टूबर तक बढ़ा दी गई है। इससे पहले उन्हें दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया था। चिदंबरम की 14 दिनों की न्यायिक हिरासत आज खत्म हो रही थी। सीबीआई ने विशेष न्यायाधीश अजय कुमार कुहर के सामने चिदंबरन की न्यायिक रिमांड को बढ़ाने की मांग की। चिदंबरम की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने अपनी न्यायिक हिरासत बढ़ाने के लिए जांच एजेंसी की याचिका का विरोध किया।
INX Media (CBI) case: A special court in Delhi extends Congress leader P Chidambaram's judicial custody till 3rd October. pic.twitter.com/NF01ErHmNp
— ANI (@ANI) September 19, 2019
सिब्बल ने चिदंबरम की ओर से अर्जी दी और तिहाड़ जेल में न्यायिक हिरासत के दौरान नियमित मेडिकल चेकअप और पर्याप्त पूरक आहार की मांग की। उन्होंने कहा कि 73 वर्षीय कांग्रेस नेता विभिन्न बीमारियों से पीड़ित हैं और हिरासत के दौरान उनका वजन कम हो गया है, जिसके लिए उन्हें 5 सितंबर को भेजा गया था।
प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) अगर आज हिरासत(कस्टडी) नहीं मांगता है तो ऐेसे में चिदंबरम की न्यायिक हिरासत बढ़ सकती है। बता दें, चिदंबरम की बेल याचिका पर 23 सितंबर को दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई होगी।
बता दें, आइएनएक्स मीडिया केस में अरेस्ट किए गए पूर्व वित्त मंत्री ने अपनी जमानत के लिए 11 सितंबर को दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया था। चिदंबरम ने आईएनएक्स मीडिया मामले में 14 दिनों की न्यायिक हिरासत के सीबीआई अदालत के आदेश को भी चुनौती दी है। इस मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) कर रहा है।
चिदंबरम फिलहाल न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल में बंद हैं। उन्होंने विशेष सीबीआई जज अजय कुमार कुहर की ओर से दिए गए न्यायिक हिरासत के आदेश को चुनौती दी है।
इसके साथ ही चिदंबरम ने आरोप लगाया कि आईएनएक्स मीडिया मामला राजनीतिक प्रतिशोध से प्रेरित है और जांच एजेंसी केंद्र के इशारे पर काम कर रही है। चिदंबरम ने दिल्ली हाईकोर्ट के समक्ष दायर अपने आवेदनों में कहा, इस मामले में तत्काल आपराधिक कार्रवाई एक दुर्भावनापूर्ण मामला है, जोकि राजनीतिक प्रतिशोध से पैदा हुआ है। जांच एजेंसी केंद्र के इशारे पर काम कर रही है, जो कि याचिकाकर्ता की बेदाग छवि को धूमिल करना चाहती है।