EXCLUSIVE: राजस्थान में किसी गुर्जर विधायक को नया "पायलट" बना सकती है कांग्रेस
राजस्थान में सियासी हलचल के बाद राजस्थान के गुर्जर बहुल क्षेत्रों में विरोध नहीं है बल्कि हरियाणा के गुर्जरों में भी इससे कांग्रेस के प्रति नाराजगी है।
रेवाड़ी [महेश कुमार वैद्य]। तू डाल डाल मैं पात-पात। सीमा से सटे राजस्थान प्रदेश की राजनीति में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व सचिन पायलट के बीच यही चल रहा है। पायलट को मंगलवार को ही उपमुख्यमंत्री व प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से हटाया गया है। इस घटनाक्रम से सिर्फ राजस्थान के गुर्जर बहुल क्षेत्रों में विरोध नहीं है बल्कि हरियाणा के गुर्जरों में भी इससे कांग्रेस के प्रति नाराजगी है। डैमेज कंट्रोल के लिए कांग्रेस अपने सत्ता रूपी जहाज को उड़ाने के लिए किसी गुर्जर विधायक को नया "पायलट" बना सकती है।
लोहे को काटने के लिए लोहा
सूत्रों के अनुसार पंजा दल में उच्च स्तर पर लोहे से लोहा काटने की रणनीति बन रही है मगर सबसे बड़ी मुश्किल यह है कि पायलट के कद का कोई दूसरा गुर्जर नेता नहीं है। जैसी परिस्थितियां बन गई है उसमें गहलोत सरकार में अलवर जिले के किसी विधायक को भी इनाम मिल सकता है। गुर्जर समुदाय को संतुष्ट करने के लिए कांग्रेस को किसी गुर्जर को आगे लाने वाला ही सरल रास्ता दिख रहा है।
सक्रिय हुए पायलट समर्थक
शह और मात के खेल में सचिन पायलट भी पूरी तरह सक्रिय हो गए हैं। सूत्रों के अनुसार अभी उनके पास मौजूद समर्थक विधायकों की संख्या उम्मीद से कुछ कम है, लेकिन सचिन समर्थक संख्या बल बढ़ाने के लिए जुट गए हैं। गुर्जरों के प्रभाव क्षेत्र वाले विधायकों को पायलट के पाले में लाने का प्रयास किया जा रहा है। समर्थकों के अलावा भाजपा के भी कुछ ऐसे नेता सचिन के शुभचिंतक हैं, जो किसी भी स्थिति में गहलोत का तख्ता पलटा हुआ देखना चाहते हैं। सूत्रों के अनुसार गहलोत की सबसे बड़ी ताकत प्रदेश की ताकतवर भाजपा नेता वसुंधरा राजे सिंधिया का ऑपरेशन गहलोत से दूर रहना है।
प्रेस वार्ता से स्पष्ट होगी स्थिति
सूत्रों के अनुसार सचिन समर्थक उन विधायकों से संपर्क करने में कामयाब नहीं हो रहे हैं जो इस समय गहलोत के साथ समूह के रूप में हैं, लेकिन गहलोत के पाले में मौजूद विधायकों के पति या पत्नियों से संपर्क साधने में कुछ हद तक कामयाबी मिल रही है। सचिन समर्थक गहलोत के पाले में खड़े विधायकों के परिजनों को यह बात समझा रहे हैं कि उनमें कुछ ऐसे खास विधायक हैं जो अंदर की खबरें सचिन तक पहुंचा रहे हैं। इस बात की ठोस पुष्टि करने में सचिन समर्थक हिचक रहे हैं, लेकिन कमलदल से उनको बड़ी मदद की उम्मीद है। बुधवार सुबह होने वाली पायलट की प्रेस कॉन्फ्रेंस से स्थिति काफी हद तक स्पष्ट हो जाएगी।