रामदेव से जुड़े आपत्तिजनक वीडियो को तत्काल हटाए गूगल, फेसबुक : हाई कोर्ट
रामदेव के खिलाफ अपमानजनक विषयवस्तु वाले वीडियो को सोशल मीडिया के प्रत्येक प्लेटफार्म से तत्काल हटाए जाने के निर्देश हाई कोर्ट ने दिए हैं।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। योग गुरु बाबा रामदेव के खिलाफ अपमानजनक विषयवस्तु वाले वीडियो को सोशल मीडिया के प्रत्येक प्लेटफार्म से तत्काल हटाए जाने के निर्देश हाई कोर्ट ने दिए हैं। कोर्ट ने गूगल और फेसबुक को इसके लिंक व यूआरएल को हटाने के लिए कहा है। साथ ही निर्देश दिया कि वेबसाइट अपने सहयोगी प्लेटफार्म, यूट्यूब, ट्विटर आदि पर भी इसे हटाया जाना सुनिश्चित करें। न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह की पीठ ने कहा कि आइटी एक्ट की धारा 79 (3)(ए) के तहत डाटा को हटाना या अक्षम करने का मतलब भारत में रहने वाले यूजर के लिए हटाना या अक्षम करना नहीं है।
इसका आशय स्त्रोत से हटाना या अक्षम करना है। इसलिए बाबा रामदेव को लेकर भारत में अपलोड किए गए वीडियो को इंटरनेट की पूरी दुनिया से हटाया जाए। पीठ ने कहा कि जहां तक भारत के बाहर से वीडियो अपलोड किए जाने का संबंध है, तो इसके लिए सोशल मीडिया प्लेटफार्म सुनिश्चत करें कि इससे जुड़े लिंक और यूआरएल को भारत के लोगों के लिए ब्लाक किया जाए, ताकि इसे भारत में सर्च न किया जा सके।
हाई कोर्ट ने यह निर्देश तब दिया जब सोशल मीडिया वेबसाइट्स की तरफ से कहा गया कि जहां तक भारत का संबंध है, उन्हें यूआरएल और लिंक हटाने में कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन ग्लोबल स्तर पर इसे हटाना, ब्लाक करना या अक्षम करना संभव नहीं है।
ये है मामला
बाबा रामदेव के जीवन पर लिखी गई एक किताब के संबंध में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था। इसमें उनके लिए अपमानजनक सामग्री का इस्तेमाल किया गया है। हाई कोर्ट ने सितंबर 2018 में इसे डिलीट करने का आदेश दिया था। 29 सितंबर को दिए गए फैसले में हाई कोर्ट ने गॉडमैन टू टायकून नामक किताब के लेखक को भी अपमानजनक तथ्यों को हटाने तक पुस्तक प्रकाशित करने पर रोक लगा दी थी।