Terror Funding Case: सैयद अली शाह गिलानी के दामाद से ईडी करेगी पूछताछ, कोर्ट से मिली इजाजत
जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी के दामाद अल्ताफ शाह से टेरर फंडिंग मामले में ईडी पूछताछ करेगी।
नई दिल्ली, प्रेट्र। जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी के दामाद अल्ताफ शाह से टेरर फंडिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) पूछताछ करेगी। दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को पूछताछ की इजाजत दे दी। इसके अलावा इस मामले में जुड़े अन्य आरोपितों से भी पूछताछ की जाएगी।
विशेष न्यायधीश राकेश सयाल ने अपने आदेश में कहा कि ईडी अल्ताफ शाह, जहूर वटाली और अन्य से 24 मार्च से 5 अप्रैल के बीच पूछताछ कर सकती है। कोर्ट ने कहा कि इस अंतराल में ईडी को सिर्फ तीन दिन ही आरोपितों से पूछताछ की इजाजत होगी।
ईडी ने मांगी थी कोर्ट से पूछताछ की इजाजत
इससे पहले अभी हाल में ही ईडी ने दिल्ली की पटिलाया हाउस कोर्ट में आतंकी सरगना हाफिज सईद से जुड़े टेरर फंडिंग के मामले में पूछताछ के लिए याचिका दायर की थी। अल्ताफ शाह उर्फ अल्ताफ फंटूश के अलावा दो अन्य लोगों से भी पूछताछ की इजाजत मांगी गई थी।
अल्ताफ और वटाली पर ये है आरोप
अल्ताफ शाह और जहूर अहमद शाह वटाली पर पाकिस्तान के खूंखार आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा चीफ हाफिज सईद, यूसुफ शाह और अन्य लोगों की मदद करने का आरोप है। यह भी पता चला है कि हाफिज सईद के इशारे पर वटाली फंड मुहैया करता था। ईडी सूत्रों की मानें वटाली ने यह विला फलाह ए इंसानियत फाउंडेशन (FIF) के पैसों से खरीदा था, जिसे आतंकी हाफिज सईद पाकिस्तान में चलाता है। ये पैसा संयुक्त अरब अमीरात से हवाला के जरिए आया था। ईडी ने पिछले महीने फरवरी में FIF के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला भी दर्ज किया था।
जांच में इडी ने पकड़ा था टेरर फंडिंग केस
आतंकियों को पैसा कहां-कहां खपाया जा रहा है इस मामले में जांच जोरों पर चली रही है। इस मामले में कई अलगाववादी नेता सुरक्षा एजेंसियों के निशाने पर हैं। हाल में ही गुरुग्राम में इडी द्वारा जम्मू-कश्मीर में आतंकियों को धन मुहैया कराने के आरोपित व्यवसायी जहूर अहमद शाह वटाली की गुरुग्राम स्थित प्रॉपर्टी अटैच करने के बाद नया खुलासा हुआ है। आरोप है कि मकान का भूतल फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन (एफआइएफ) की रकम से खरीदा गया था। इस संगठन को पाकिस्तान में हाफिज सईद चलाता है। करोड़ों का मकान खरीदने के लिए अरब देश से हवाला के जरिए इसके लिए रकम आई थी।