Indo-Pak वार्ता रद करने के लिए जवान को मारने की घटना छोटी बात : मुस्तफा कमाल
नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला के भाई मुस्तफा कमाल ने भारत-पाकिस्तान वार्ता रद होने को लेकर विवादित बयान दिया है।
राज्य ब्यूरो, जम्मू : नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारूक अब्दुल्ला के भाई मुस्तफा कमाल ने भारत-पाकिस्तान वार्ता रद होने पर विवादास्पद बयान दिया है। उनका कहना है कि भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत को रद करने के लिए जवान को मारने की घटना बहुत छोटी सी बात है।
पिछले सप्ताह शहीद हुए तीन जवानों के बाद पाकिस्तान के दोहरे चरित्र का पर्दाफाश करते हुए केंद्र सरकार ने न्यूयॉर्क में होने वाली दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक को रद कर दिया। केंद्र सरकार के इस फैसले को मुस्तफा कमाल ने बहाना करार दिया है। उन्होंने कहा कि भारत ने ऐसा करके पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री को सही मायनों में दबाने का प्रयास किया है। इस समय अंतरराष्ट्रीय सीमा पर जो हालात बने हैं, वे भारत सरकार के अडि़यल रवैये के कारण हैं। उनकी पार्टी दोनों देशों के बीच बातचीत चाहती है। दूसरी ओर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की सराहना करते हुए मुस्तफा कमाल का कहना है कि भारत और पाकिस्तान के बीच वार्ता हो, यह हर कोई चाहता है। पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री ने इसकी पहल की है, लेकिन केंद्र सरकार इससे पीछे हट गई।
चुल्लू भर पानी में डूब मरें मुस्तफा कमाल जैसे नेता
जम्मू-कश्मीर भाजपा अध्यक्ष रविंद्र रैना ने कहा है कि हमारे जवानों की शहादत को नजरअंदाज कर पाकिस्तान की हिमायत करने वाले मुस्तफा कमाल और उन जैसे अन्य नेताओं को चुल्लू भर पानी में डूब मरना चाहिए। सांबा के रामगढ़ में सीमा सुरक्षा बल के जवान से बर्बरता के विरोध में पाकिस्तान से बातचीत रद करने को सही बताते हुए रैना ने कहा कि मुस्तफा कमाल ने सीमा प्रहरी की शहादत को एक छोटा मामला करार देकर अपने देशविरोधी होने का सुबूत दिया है। कमाल जैसे नेता खाते हिंदोस्तान का और गुणगान पाकिस्तान का करते हैं।
इन दो कारणों से रद की वार्ता
गौरतलब है कि भारत सरकार के वार्ता रद करने के फैसले का न सिर्फ पूरे देश बल्कि प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस ने भी स्वागत किया है। दरअसल, एक तरफ रिश्ते सुधारने के लिए वार्ता का प्रस्ताव और दूसरी तरफ आतंकियों को बढ़ावा देने की सरकारी नीति को जारी रखना। पाकिस्तान की इस चाल में कोई बदलाव आते नहीं देख भारत ने दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच होने वाली प्रस्तावित वार्ता को रद करने का फैसला लिया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने भारत के फैसले को सुनाते हुए कहा था कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री के साथ स्वराज की बैठक की घोषणा के साथ ही दो बेहद चिंताजनक गतिविधियां हुई हैं।
एक तो पाकिस्तान स्थित संगठनों ने हमारे सुरक्षाकर्मियों की नृशंस हत्या की है जबकि दूसरी तरफ पाकिस्तान सरकार की तरफ से एक आतंकी को सम्मान देते हुए 20 डाक टिकट जारी किये गये हैं। इससे साफ है कि पाकिस्तान अपना रास्ता बदलने को तैयार नहीं।