आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर शुरू होगा राष्ट्रीय कार्यक्रम, एक लाख गांव तब्दील होंगे डिजिटल गांव के रूप में
प्रत्येक क्षेत्र में सूचना प्रौद्योगिकी के बढ़ते इस्तेमाल को देखते हुए सरकार ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर एक राष्ट्रीय कार्यक्रम शुरू करने की योजना बनायी है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। देश के डिजिटल स्वरूप को और मजबूती देने और प्रत्येक क्षेत्र में सूचना प्रौद्योगिकी के बढ़ते इस्तेमाल को देखते हुए सरकार ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर एक राष्ट्रीय कार्यक्रम शुरू करने की योजना बनायी है। इसके लिए एक राष्ट्रीय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस केंद्र की स्थापना करने का ऐलान किया है। साथ ही एक लाख गांवों को 'डिजिटल' गांव में तब्दील किया जाएगा जिससे देश के सभी लोगों तक नई पीढ़ी की सूचना प्रौद्योगिकी के लाभ पहुंचाए जा सके।
वर्ष 2019-20 का अंतरिम बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने सरकार जल्दी ही एक राष्ट्रीय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पोर्टल भी विकसित करेगी। इसके अतिरिक्त उत्कृष्ट केंद्रों के साथ एक हब के रूप में राष्ट्रीय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस केंद्र की स्थापना से लाभ मिलेगा। इसके लिए नौ प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्रों की पहचान की जा चुकी है।
बजट में वित्त मंत्री ने इस बात का उल्लेख किया कि भारत विश्व का दूसरा सबसे बड़ा स्टार्ट-अप हब बन गया है और यहां फोन कॉल और डेटा संभवत: दुनिया में सबसे सस्ता हो गया है। यही नहीं मोबाइल डेटा की मासिक खपत में पिछले पांच वर्ष में 50 गुना बढ़ोतरी हुई है। देश में तीन लाख से अधिक कॉमन सर्विस सेंटर 12 लाख लोगों को रोजगार प्रदान करने के साथ साथ नागरिकों को डिजिटल सेवाएं बी प्रदान कर रहे हैं। इससे देश में एक मजबूत डिजिटल ढांचा तैयार हो रहा है।
इस मजबूत डिजिटल ढांचे के आधार पर ही सरकार ने अपने 2030 के मिशन में भी डिजिटल भारत के निर्माण को शामिल किया है। गोयल ने कहा 'सरकारी प्रक्रियाओं और व्यक्तिगत ट्रांजेक्शन के डिजिटलीकरण से हालिया वर्षो में प्राप्त सफलता के दम पर 2030 की डिजिटल अवंसरचना और डिजिटल अर्थव्यवस्था का निर्माण होगा।' उन्होंने कहा कि इस प्रयास में युवा वर्ग डिजिटल भारत के सृजन में बेशुमार स्टार्ट-अप और इस इकोसिस्टम में लाखों रोजगार का सृजन करते हुए नेतृत्व करेगा।