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नायडू ने कहा- शांतिपूर्ण क्रांति है स्वच्छ भारत मिशन, परिवर्तन समय व सोच की जरूरत है

केंद्रीय स्वच्छता मंत्री उमा भारती ने कहा कि देश के हर गांव को निर्मल करना हमारा लक्ष्य है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Mon, 01 Oct 2018 09:44 PM (IST)Updated: Tue, 02 Oct 2018 12:04 AM (IST)
नायडू ने कहा- शांतिपूर्ण क्रांति है स्वच्छ भारत मिशन, परिवर्तन समय व सोच की जरूरत है
नायडू ने कहा- शांतिपूर्ण क्रांति है स्वच्छ भारत मिशन, परिवर्तन समय व सोच की जरूरत है

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय स्वच्छता अधिवेशन में उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने कहा स्वच्छ भारत मिशन भारत में शांतिपूर्ण क्रांति की तरह फैल रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच यह रही है कि यह राजनीतिक कार्यक्रम नहीं, सरकारी कार्यक्रम नहीं बल्कि जन आंदोलन के रूप में जाना जाए। नायडू ने कहा कि महात्मा की 150वीं जन्म शताब्दी के अवसर पर भारत खुले में शौच मुक्त हो जाएगा, जो उनके लिए बड़ा उपहार होगा। गांधी के पद चिन्हों पर चलकर भारत स्वच्छता की ऊंचाइयों पर पहुंचा है।

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महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय स्वच्छता अधिवेशन

नायडू ने हिस्सा लेने वाले देशों को एक दूसरे से गुर सीखने की नसीहत दी। उन्होंने कहा कि भारत के लिए यह बहुत अच्छा मौका है कि स्वच्छता के क्षेत्र में इन देशों की अच्छी तकनीकों को अपनाए। नायडू ने कहा कि स्वच्छता के लिए शौचालय का निर्माण महत्वपूर्ण है, लेकिन कहीं इससे ज्यादा अहम लोगों के व्यवहार में परिवर्तन लाना है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रधानमंत्री से लेकर पंचायत के नेता, नायक, खिलाड़ी, छात्र व छात्राएं, आध्यात्मिक नेताओं के साथ आम लोगों को इसमें सहभागी बनना होगा।

अधिवेशन में हिस्सा लेने वाले देश परस्पर सीखेंगे स्वच्छता के नये गुर

उपराष्ट्रपति नायडू ने कहा कि परिवर्तन समय व सोच की जरूरत बन चुका है। उन्हें भरोसा है कि तमाम देशों के बीच खुले में शौच मुक्त बनाने को लेकर आम सहमति बनेगी और इसमें आड़े आने वाली मुश्किलों का दूर किया जाएगा। भारत में स्वच्छता अभियान की सफलता का जिक्र करते हुए नायडू ने कहा कि 120 करोड़ की आबादी वाले बड़े देश में कई तरह की मुश्किलें भी हैं, लेकिन स्वच्छ भारत मिशन ने पूरे देश को जोड़ने में अपार सफलता पाई है।

स्वच्छता अभियान में ग्रामीणों की सक्रिय सहभागिता का जिक्र करते हुए नायडू ने कहा कि 2014 में जहां 55 करोड़ खुले में शौच करते थे, वह घटकर सिर्फ 10 करोड़ के आसपास रह गया है। देश के 22 राज्य, 500 से अधिक जिले, पांच लाख से अधिक गांवों ने खुद को खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) घोषित कर दिया है।

इस मौके पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वच्छता के क्षेत्र में अपनी उपलब्धियां गिनाईं। उन्होंने कहा कि दो करोड़ परिवारों में से सिर्फ 77 लाख परिवारों के पास अपने शौचालय थे। 30 सितंबर 2018 तक प्रदेश में 99 फीसद शौचालय का निर्माण हो चुका है। प्रदेश के 34 जिले ओडीएफ हो चुके हैं।

गंगा किनारे के सभी गांव ओडीएफ कर दिये गये हैं। इसकी वजह से राज्य में डायरिया व हेपेटाइटिस बी के मामले में अपेक्षित गिरावट आई है। जापानी बुखार में भी सुधार हुआ है। केंद्रीय स्वच्छता मंत्री उमा भारती ने कहा कि देश के हर गांव को निर्मल करना हमारा लक्ष्य है। सामाजिक सोच में परिवर्तन कम संसाधनों से भी लाया जा सकता है।

स्वच्छता को लेकर सरकार की पहल दिख रही है। उच्च शिक्षण संस्थानों में इसे लेकर रुझान बढ़ा है। पिछले साल के साल के मुकाबले इस बार सर्वेक्षण में दो गुना से ज्यादा संस्थानों ने हिस्सा लिया। हरियाणा का महर्षि दयानंद विवि देश का सबसे स्वच्छ संस्थान घोषित किया गया है।

मौजूदा समय में करीब 900 विश्वविद्यालय और 40 हजार से ज्यादा कालेज है। लेकिन हाल ही में स्वच्छता को लेकर आयोजित सर्वेक्षण में छह हजार से ज्यादा संस्थानों ने ही हिस्सा लिया। केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री इससे संतुष्ट नहीं है। उनका मानना है कि कम से कम 20 हजार संस्थान हिस्सा लें। उच्च शिक्षण संस्थानों में स्वच्छता को लेकर यह सर्वेक्षण साफ-सफाई के साथ ही कई अन्य आधारों पर कराया भी गया था। जिसमें संस्थानों में सौर ऊर्जा, जल संरक्षण जैसी पहल आदि को भी शामिल किया गया था। इसके अलावा उस संस्थानों को ज्यादा महत्व दिया गया, जहां कचरे से बिजली और गैस के बायो संयंत्र लगाए गए है।

दूसरे स्थान पर पंजाब के अमृतसर का गुरु नानक देव विवि है। मंत्रालय ने संस्थानों की स्वच्छता की यह रैकिंग कई श्रेणियों में जारी की है। रिहायशी विश्वविद्यालय की श्रेणियों में सिमबायोसिस विवि को पहला संस्थान मिला है, जबकि ओपी जिंदल विवि सोनीपत को दूसरा संस्थान मिला है। गैर-रियायशी विवि की श्रेणी में आईटीएम विवि रायपुर को पहला स्थान मिला है।


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