Mysore University Convocation: 5-6 साल में 7 नए IIM की हुई शुरुआत, बोले पीएम मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने मैसूर विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में राष्ट्रीय शिक्षा नीति का जिक्र किया और कहा कि इससे देश की शिक्षा व्यवस्था में मौलिक बदलाव आएगा। साथ ही उन्होंने पिछले 5-6 साल के दौरान इस क्षेत्र में हुए विकास और सरकार की उपलब्धियां भी गिनवाई।
नई दिल्ली, एएनआइ। मैसूर विश्वविद्यालय (Mysore University ) के दीक्षांत समारोह में सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल हुए और उन्होंने नई शिक्षा नीति का जिक्र किया और कहा, 'यह उल्लेखनीय कदम है जिससे देश की शिक्षा व्यवस्था में मौलिक बदलाव आएगा। दरअसल, प्रधानमंत्री मैसूर यूनिवर्सिटी के 100वें दीक्षांत समारोह में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए विद्यार्थियों को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने देश की शिक्षा जगत में सरकार की उपलब्धियां गिनवाई। उन्होंने कहा कि आजादी के इतने साल बाद भी देश में राष्ट्रीय स्तर के तकनीकी और मेडिकल संस्थानों की भारी कमी थी।
मैसूर यूनिवर्सिटी के पूर्व प्रसिद्ध छात्रों को याद किया और कहा कि यह संस्थान 'प्राचीन भारत की समृद्ध शिक्षा व्यवस्था और भविष्य के भारत की आशाओं और क्षमताओं का प्रमुख केंद्र' है। प्रधानमंत्री ने कहा, 'हायर एजुकेशन में प्रयासों का उद्देश्य केवल नए संस्थानों को खोलना नहीं है बल्कि सरकार के गर्वनेंस, लिंग, सामाजिक हिस्सेदारी को सुनिश्चित करना है।'
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ' बीते 5-6 साल में 7 नए IIM स्थापित किए गए हैं। जबकि उससे पहले देश में 13 IIM ही थे। इसी तरह करीब 6 दशक तक देश में सिर्फ 7 एम्स देश में सेवाएं दे रहे थे। साल 2014 के बाद इससे दोगुने यानी 15 एम्स देश में या तो स्थापित हो चुके हैं या फिर शुरु होने की प्रक्रिया में हैं।' उन्होंने आगे कहा कि बीते 6 साल में औसतन हर साल एक नई IIT का शुभारंभ हुआ। इसमें से एक कर्नाटक के धारवाड़ में है। 2014 तक भारत में 9 IIITs थीं। इसके बाद के 5 सालों में 16 IIITs बनाई गई हैं।
वर्ष 1916 में कर्नाटक के पहले विश्वविद्यालय 'मैसूर यूनिवर्सिटी' की स्थापना हुई थी। यह देश का छठा विश्वविद्यालय है। प्रधानमंत्री ने कहा, 'यहां राजर्षि नालवाडी कृष्णराज वडेयार और एम. विश्वेश्वरैया जी के विजन और संकल्पों को साकार किया गया है।' उन्होंने आगे कहा, ' मैसूर यूनिवर्सिटी के इस रत्न गर्भा प्रांगण ने ऐसे अनेक साथियों को ऐसे ही कार्यक्रम में दीक्षा लेते हुए देखा है, जिनका राष्ट्र निर्माण में अहम योगदान रहा है। भारत रत्न डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी जैसे अनेक महान व्यक्तियों ने इस शिक्षा संस्थान में अनेकों विद्यार्थियों को प्रेरणा दी।'