रिश्वत मामले में मुकुल रॉय को हाईकोर्ट से राहत, गिरफ्तारी पर रोक की अवधि फिर बढ़ी
भाजपा नेता ने धोखाधड़ी के मामले में अग्रिम जमानत की मांग करते हुए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
जागरण संवाददाता, कोलकाता। रेलवे पैनल की सदस्यता दिलाने के नाम पर कथित रिश्वत लेने के मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट ने मंगलवार को भाजपा नेता मुकुल रॉय को बड़ी राहत देते हुए उन्हें मिला गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण को अगले आदेश तक के लिए बढ़ा दिया। मुकुल की ओर से दायर अग्रिम जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति एस मुंशी और न्यायमूर्ति एस दासगुप्ता की खंडपीठ ने यह निर्देश दिया।
सुनवाई चार दिसंबर तक स्थगित
खंडपीठ ने उनकी याचिका पर सुनवाई को चार दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दिया। वहीं, राज्य सरकार की ओर से इस दिन हाईकोर्ट में पेश हुए महाधिवक्ता किशोर दत्ता और लोक अभियोजक शाश्वत मुखर्जी ने कहा कि मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआइअी) का गठन किया गया है और वह आरोपों से संबंधित दस्तावेजों का सत्यापन कर रहा है। दस्तावेजों के सत्यापन में और अधिक समय की मांग करते हुए वकीलों ने चार दिसंबर तक के लिए सुनवाई स्थगित करने की मांग की। वहीं, मुकुल के वकील ने राज्य में तीन विधानसभा सीटों पर होनेवाले उपचुनाव का हवाला देते हुए कहा कि उनके मुवक्किल को 25 नंवबर तक मामले में जांचकर्ताओं द्वारा पूछताछ के लिए बुलाए जाने से छूट दी जाए।
रॉय को छूट देने के लिए उपचुनावों का सहारा
उन्होंने कहा कि रॉय उपचुनावों में अपनी पार्टी के लिए प्रचार में व्यस्त रहेंगे, लिहाजा उन्हें छूट दी जाए। दोनों पक्षों को सुनने के बाद खंडपीठ ने इस मामले की सुनवाई चार दिसंबर तक के लिए स्थगित करने का निर्देश दिया। हालांकि हाईकोर्ट ने साथ ही निर्देश दिया कि जांचकर्ता 25 नवंबर के बाद रॉय से मामले में पूछताछ कर सकते हैं।
गौरतलब है कि इस मामले में भाजपा नेता को हाईकोर्ट से पहले भी गिरफ्तारी से संरक्षण मिल चुका है। रॉय को सबसे पहले 29 अगस्त को हाईकोर्ट से गिरफ्तारी से एक हफ्ते का संरक्षण मिला था और बाद में इसे समय-समय पर बढ़ा दिया गया। बता दें कि रॉय ने संटु गांगुली द्वारा उनके खिलाफ दायर धोखाधड़ी के मामले में अग्रिम जमानत की मांग करते हुए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
गांगुली ने एफआइआर में आरोप लगाया है कि भाजपा के स्थानीय मजदूर मोर्चा के नेता बबन घोष ने उन्हें जोनल रेलवे यूजर्स कंसल्टेटिव कमेटी की सदस्यता दिलाने का वादा करते हुए रॉय का नाम लिया था और उनसे लाखों रुपये की रिश्वत ली थी। शिकायत के बाद कोलकाता पुलिस ने बीते 21 अगस्त को भाजपा नेता बबन घोष को गिरफ्तार किया था, जिसके बाद मुकुल रॉय ने मामले में अपना नाम आने के चलते अग्रिम जमानत के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।