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मुख्तार अब्बास नकवी बोले, सीएए पर दोबारा शुरू हो गई सांप्रदायिक राजनीति, पाक को भी लिया आड़े हाथ

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कुछ लोगों ने अनुच्छेद 370 को बहाल करने की भी मांग की है जबकि इसके समाप्त होने से जम्मू कश्मीर तथा लद्दाख में 370 से ज्यादा समस्याओं का समाधान हुआ है और लोग विकास की मुख्यधारा से जुड़ रहे हैं।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Sun, 21 Nov 2021 09:13 PM (IST)Updated: Sun, 21 Nov 2021 09:13 PM (IST)
मुख्तार अब्बास नकवी बोले, सीएए पर दोबारा शुरू हो गई सांप्रदायिक राजनीति, पाक को भी लिया आड़े हाथ
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी की फाइल फोटो

नई दिल्ली, प्रेट्र। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने रविवार को कहा कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को लेकर सांप्रदायिक राजनीति दोबारा शुरू हो गई है और कुछ लोग इसे निरस्त करने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कानून नागरिकता छीनने के लिए नहीं है बल्कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में ¨हदुओं, सिखों एवं उत्पीड़न के शिकार अन्य अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने के लिए है।

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उत्तर प्रदेश के रामपुर में एक सामूहिक विवाह समारोह में शामिल होने के दौरान बातचीत में नकवी कहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यकाल में कट, कमीशन और करप्शन की विरासत को समाप्त कर दिया गया है।

केंद्रीय मंत्री आगे बताते हैं कि कुछ लोगों ने अनुच्छेद 370 को बहाल करने की भी मांग की है जबकि इसके समाप्त होने से जम्मू कश्मीर तथा लद्दाख में 370 से ज्यादा समस्याओं का समाधान हुआ है और लोग विकास की मुख्यधारा से जुड़ रहे हैं। इसी के साथ उन्होंने भारत में मुसलमानों को निशाना बनाए जाने संबंधी आरोपों की खबरों पर पाकिस्तान को भी आड़े हाथ लिया। उन्होंने कहा कि कितनी हैरानी की बात है कि पाकिस्तान अल्पसंख्यकों के अधिकारों के लिए भारत को भाषण दे रहा है और विडंबना यह है कि भारत के कुछ राजनीतिक दल देश की समावेशी संस्कृति को बदनाम करने की साजिश में इसका समर्थन कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में हिंदुओं और सिखों के हजारों धर्मस्थलों को गिरा दिया गया जबकि भारत में करीब तीन लाख मस्जिदों के साथ मंदिर, गिरिजाघर व गुरुद्वारे समेत लाखों अन्य उपासना स्थल हैं। नकवी ने कहा कि भारत में देश के विकास में अल्पसंख्यकों की बराबर की भागीदारी है। सब जानते हैं कि भारत अल्पसंख्यकों के लिए दुनिया में सर्वश्रेष्ठ और सुरक्षित जगह है।

गौरतलब है कि कृषि कानूनों को वापस लेने की प्रधानमंत्री की घोषणा के बाद प्रमुख मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने सरकार से सीएए को भी वापस लेने की अपील की थी। अमरोहा से बहुजन समाज पार्टी के सांसद दानिश अली ने भी बिना देरी के सीएए को वापस लेने की मांग की थी।


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