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MP POlitics: सिंधिया के गढ़ में सहमी है कांग्रेस, फूंक-फूंक कर कदम उठाएगी पार्टी

कांग्रेस नेताओं ने आशंका जताई है कि चुनाव के समय पार्टी में मौजूद सिंधिया समर्थक दल-बदलकर कुछ झटके दे सकते हैं।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Tue, 16 Jun 2020 07:00 AM (IST)Updated: Tue, 16 Jun 2020 07:00 AM (IST)
MP POlitics: सिंधिया के गढ़ में सहमी है कांग्रेस, फूंक-फूंक कर कदम उठाएगी पार्टी
MP POlitics: सिंधिया के गढ़ में सहमी है कांग्रेस, फूंक-फूंक कर कदम उठाएगी पार्टी

भोपाल, जेएनएन। ज्योतिरादित्य सिंधिया के गढ़ ग्वालियर क्षेत्र में मध्य प्रदेश कांग्रेस आज भी सहमी हुई है। यही कारण है कि ग्वालियर और ग्वालियर पूर्व विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव की तैयारियों की बैठक में नेताओं ने आशंका जताई है कि चुनाव के समय पार्टी में मौजूद सिंधिया समर्थक दल-बदलकर कुछ झटके दे सकते हैं। लिहाजा, प्रदेश नेतृत्व अब जल्द ही ग्वालियर क्षेत्र की जिला कार्यकारिणी के साथ बैठक करेगा।

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इसमें पदाधिकारियों से सिंधिया या पार्टी के प्रति निष्ठा के बारे में स्पष्ट सवाल किए जाएंगे। पूर्व मुख्यमंत्री और मप्र कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ के सरकारी बंगले पर सोमवार को ग्वालियर, ग्वालियर पूर्व और आगर विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव की तैयारियों पर बैठक हुई। इसमें पूर्व मंत्री पीसी शर्मा व तरुण भनोत, विधायकगण विनय सक्सेना, प्रवीण पाठक, नीलांशु चतुर्वेदी, पीसीसी के कार्यकारी अध्यक्ष रामनिवास रावत सहित दोनों जिला अध्यक्ष देवेंद्र शर्मा व अशोक सिंह और कुछ अन्य स्थानीय नेता शामिल हुए।

पाठक ने रावत को बताई सीमा

सूत्रों के अनुसार संगठन को मजबूत करने के लिए जिलों में हो रही नियुक्तियों को लेकर ग्वालियर के विधायक प्रवीण पाठक ने श्योपुर जिले के विजयपुर का प्रतिनिधित्व कर चुके रामनिवास रावत को उनकी सीमा बताई। दोनों नेताओं के बीच बहस भी हुई और पाठक ने ग्वालियर के संगठन के पुनर्गठन में उनके हस्तक्षेप पर आपत्ति की। इसको लेकर कमल नाथ ने पाठक की आपत्ति को सही बताया और रावत को ग्वालियर के मामले में हस्तक्षेप नहीं करने को कहा।

मंडल-सेक्टर या मतदान केंद्र पुनर्गठन में सतर्क रहें

बैठक में सिंधिया के गढ़ में उपचुनाव के मद्देनजर हो रहे संगठन के पुनर्गठन में सतर्कता की आवश्यकता भी जताई गई। सूत्र बताते हैं कि बैठक में इस बात पर भी चिंता व्यक्त की गई है कि विशेष सावधानी बरतते हुए सिंधिया समर्थकों की पहचान की जाए। नेताओं ने आशंका व्यक्त की है कि ऐसी सूचनाएं हैं कि चुनाव में कुछ पदाधिकारी ऐन वक्त पार्टी छोड़ेंगे।


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