MP में कांग्रेसी ही देते हैं भाजपा को सोनिया गांधी के खिलाफ हमले का मौका, जानिए कब-कब किया ऐसा
जीतू पटवारी के बेटी विरोधी ट्वीट के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खुद मोर्चा खोल दिया। शिवराज ने जीतू को कांग्रेस से बाहर करने या सोनिया से माफी मांगने की मांग कर दी।
आनन्द राय, भोपाल। निकट भविष्य में विधानसभा की 24 सीटों पर उपचुनाव होने की वजह से मध्य प्रदेश में सियासी दल एक-दूसरे पर निशाना साधने का कोई मौका नहीं चूक रहे हैं। कांग्रेस ने बैठे-बिठाये भाजपा को पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ हमला करने का मौका दे दिया है। प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष जीतू पटवारी ने सरकार पर पुत्र के चक्कर में पांच पुत्री पैदा करने का ट्वीट कर खुद को बेटियों का विरोधी बना दिया और लगे हाथ सोनिया के खिलाफ भी माहौल गर्माने का मौका दे दिया।
जहां तक बात बेटियों की है तो वो देवीतुल्य हैं।
विकास की अपेक्षा के साथ मैंने एक ट्वीट किया है जिसे बीजेपी अपनी कमज़ोरियों को छिपाने के लिये उपयोग कर रही है।
मैं अब भी कह रहा हूँ कि “विकास” का पूरे देश को इंतजार है।— Jitu Patwari (@jitupatwari) June 24, 2020
जीतू को कांग्रेस से बाहर करने या सोनिया से माफी मांगने की मांग
गौर करें तो मध्य प्रदेश में कांग्रेसी नेता ही कुछ ऐसा कर गुजरते हैं कि भाजपा सीधे कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर निशाना साधने लगती है। जीतू पटवारी के बेटी विरोधी ट्वीट के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खुद मोर्चा खोल दिया। शिवराज ने जीतू को कांग्रेस से बाहर करने या सोनिया से माफी मांगने की मांग कर दी। अब भाजपा इसे मुद्दा बनाकर हवा दे रही है। भाजपा के मुख्य प्रवक्ता दीपक विजयवर्गीय का कहना है कि आजादी के 70 साल बाद भी कांग्रेस की महिला विरोधी नीति बनी हुई है। महिलाओं को दोयम दर्जे का मानने का इनका नजरिया स्पष्ट है। दीपक का कहना है कि अगर कांग्रेस अध्यक्ष में नैतिक बल है तो तत्काल पटवारी को पार्टी से बाहर करना चाहिए।
जब दिग्विजय ने बंटवा दी सोनिया के विदेशी मूल के मुद्दे वाली पुस्तक
एक वरिष्ठ पत्रकार ने अपनी पुस्तक में हिंदुत्व को लेकर दक्षिणपंथी पार्टियों को खरी-खोटी सुनाने केसाथ आरएसएस की कड़ी आलोचना की थी। मुख्यमंत्री रहते हुए अप्रैल 2003 में दिग्विजय सिंह ने यह पुस्तक विधायकों में बंटवाई। इसी पुस्तक में सोनिया गांधी के विदेशी मूल के मुद्दे को उठाया गया था। तब नेता प्रतिपक्ष रहे बाबूलाल गौर ने इस पर विधानसभा में दिग्विजय को घेरा और सदन में कई दिनों तक यह मामला गर्माया रहा। इससे सोनिया की किरकिरी भी हुई। दिग्विजय सिंह, कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष जीतू पटवारी के राजनीतिक गुरु भी हैं। याद रहे कि मंदसौर की पूर्व सांसद मीनाक्षी नटराजन के बारे में दिग्विजय ने एक बार ऐसी टिप्पणी की कि सोनिया गांधी पर भाजपा सीधे आक्रामक हो गई थी।
राज्यपाल बनने पर कुरैशी ने सोनिया की कृपा बता दिया
मध्य प्रदेश के वरिष्ठ कांग्रेस नेता अजीज कुरैशी उत्त्तराखंड के राज्यपाल बनाए गए तो संवैधानिक पद की मर्यादा को भूल उन्होंने अति उत्साह में कह दिया कि यह नेहरू-गांधी परिवार की वफादारी और सोनिया गांधी की कृपा का प्रतिफल है। भाजपा ने उनकी जुबान पकड़ ली और सोनिया गांधी की घेराबंदी शुरू कर दी। इसी तरह कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रामनरेश यादव को जब मध्य प्रदेश का राज्यपाल बनाया गया तो उन्होंने भी इसका श्रेय सोनिया गांधी को दे दिया था।
भाजपा के पास नैतिक सोच नहीं
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता दुर्गेश शर्मा ने कहा कि जीतू पटवारी ने अपना पक्ष रख दिया है, लेकिन भाजपा हर चीज का राजनीतिकरण करती है। भाजपा के पास नैतिक सोच नहीं है। भाजपा नेताओं का रवैया हमेशा नकारात्मक रहता है। उन्हें सोनिया गांधी पर टिप्पणी का अधिकार नहीं है।