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MP Politics: रामेश्वर शर्मा को प्रोटेम स्पीकर बनाए जाने पर कांग्रेस ने उठाए सवाल, सियासी घमासान जारी

मध्य प्रदेश में भाजपा और कांग्रेस के बीच सियासी घमासान जारी है। रामेश्वर शर्मा को मध्य प्रदेश विधानसभा का प्रोटेम स्पीकर बनाने पर कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं।

By TaniskEdited By: Published: Sun, 05 Jul 2020 01:25 PM (IST)Updated: Sun, 05 Jul 2020 01:25 PM (IST)
MP Politics: रामेश्वर शर्मा को प्रोटेम स्पीकर बनाए जाने पर कांग्रेस ने उठाए सवाल, सियासी घमासान जारी
MP Politics: रामेश्वर शर्मा को प्रोटेम स्पीकर बनाए जाने पर कांग्रेस ने उठाए सवाल, सियासी घमासान जारी

भोपाल, आइएएनएस। मध्य प्रदेश में भाजपा और कांग्रेस के बीच सियासी घमासान जारी है। रामेश्वर शर्मा को मध्य प्रदेश विधानसभा का प्रोटेम स्पीकर बनाया गया है। कांग्रेस ने शर्मा की नियुक्ति पर सवाल उठाया है और इसे अवैध करार दिया है। पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष जे पी धनोपिया ने कहा कि राज्य में भारतीय जनता पार्टी द्वारा सभी लोकतांत्रिक परंपराओं की अनदेखी की जा रही है। प्रोटेम स्पीकर वह विधायक बनता है जो वरिष्ठ हो और पिछले पांच वर्षों से स्पीकर के पैनल में अपनी सेवा दिया हो, लेकिन शर्मा इस मापदंड पर खरा नहीं उतरते हैं। इसलिए उनकी नियुक्ति अमान्य है और इसे तत्काल निरस्त किया जाना चाहिए।

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गौरतलब है कि इससे पहले जगदीश देवड़ा प्रोटेम स्पीकर थे उन्होंने मंत्री पद की शपथ ले ली है। धनोपिया ने कहा कि देवड़ा की मंत्री पद पर नियुक्ति गलत है क्योंकि प्रोटेम स्पीकर को किसी अन्य पद पर नियुक्त नहीं किया जा सकता है। देवड़ा ने 2 जुलाई को सुबह 11 बजे पद की शपथ ली और शाम 4 बजे इस्तीफा दे दिया। इस घटना की जांच के लिए एक सर्वदलीय समिति का गठन किया जाना चाहिए और देवड़ा  को तत्काल मंत्री पद से हटा दिया जाना चाहिए।

शिवराज मंत्रिमंडल का दूसरी बार विस्तार 

बता दें कि मध्य प्रदेश में शिवराज मंत्रिमंडल का गुरुवार को दूसरी बार विस्तार हुआ। गत दिनों कमल नाथ की कांग्रेस सरकार गिराने में अहम भूमिका निभाने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को वादे के अनुरूप भाजपा नेतृत्व ने विस्तार में अहमियत दी। कुल 28 नए मंत्री बनाए गए हैं, इनमें से 12 सिंधिया के समर्थक हैं।पहले विस्तार में सिंधिया समर्थक तुलसीराम सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत मंत्री बनाए गए थे। बता दें कि राज्य में 24 सीटों पर उपचुनाव होना है। ऐसे में  मंत्रिमंडल विस्तार में ग्वालियर-चंबल क्षेत्र पर जोर दिया गया। यहां सबसे ज्यादा सीटों पर चुनाव होने हैं। 17 नए चेहरों ने शपथ लिए, जिनमें भाजपा विधायकों की संख्या नौ हैं।


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