MP Political Crisis: डैमेज कंट्रोल में जुटे कमलनाथ, सरकार बचाने के लिए बनाई ये रणनीति
सियासी घमासान के बीच भोपाल पहुंचे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपने दो दिन के सारे कार्यक्रमों को निरस्त कर डैमेज कंट्रोल में जुटे।
भोपाल, राज्य ब्यूरो। मध्य प्रदेश में राजनीतिक अस्थिरता दूर करने के लिए नाराज चल रहे गैर कांग्रेसी विधायकों के साथ अब एक-एक मंत्री की ड्यूटी लगा दी गई है। सियासी उठापटक के बीच पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह अचानक भोपाल पहुंच गए। उन्होंने शुक्रवार को काफी समय मुख्यमंत्री निवास पर बिताया। शाम को राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा भी भोपाल पहुंच गए। मुख्यमंत्री कमलनाथ अपने दो दिन के सारे कार्यक्रमों को निरस्त कर पूरे समय डैमेज कंट्रोल में जुटे रहे।
अलसुबह से देर रात तक मंत्रियों-विधायकों के साथ उनकी मुलाकातें चलती रहीं। बेंगलुरु में मुसीबत में घिरे चार दिन से लापता सुरेंद्र सिंह शेरा से मोबाइल पर उन्होंने चर्चा की और मदद का भरोसा दिलाया। कमलनाथ सरकार पर छाए संकट के बादल शुक्रवार को नहीं छंट सके हैं। मुख्यमंत्री कमलनाथ की मदद के लिए दिग्विजय सिंह अपने सभी कार्यक्रम निरस्त कर शुक्रवार सुबह भोपाल पहुंचे। वह विमानतल से सीधे मुख्यमंत्री निवास पहुंचे जहां मुख्यमंत्री के साथ मंत्रणा की। मंत्रिमंडल की बैठक के बाद दूसरी बार फिर दोनों नेताओं के बीच मुलाकात हुई। बताया जाता है कि दोनों दिग्गजों ने असंतुष्ट विधायकों की नाराजगी दूर करने के उपायों पर चर्चा की।
मंत्रियों-विधायकों ने की सीएम से मुलाकात
इधर, शुक्रवार को कैबिनेट की बैठक की वजह से सीएम बेहद व्यस्त थे और राजनीतिक घटनाक्रम के कारण सीएम कमलनाथ ने अपने दो दिन के कार्यक्रमों को स्थगित कर दिया। सीएम ने सुबह से लेकर शाम तक कई मंत्रियों-विधायकों के साथ बैठक की। मंत्री डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ, जीतू पटवारी, पीसी शर्मा, सुखदेव पांसे, तरण भनोत, प्रदीप जायसवाल, हर्ष यादव से लेकर विधायकों रामबाई परिहार, गोपाल सिंह चौहान, महेश परमार, मनोज चावला आदि ने मुख्यमंत्री के साथ बैठकें कीं।
बताया जाता है कि सरकार से नाराज चल रहे विधायकों में से कुछ के साथ मंत्रियों की ड्यूटी लगा दी है। डॉ. साधौ को आज रामबाई के साथ दमोह भेजा गया तो बेंगलुरु में मुसीबत में फंसे सुरेंद्र सिंह शेरा की मदद के लिए पर्यटन मंत्री सुरेंद्र सिंह बघेल को भेजा गया। संजीव कुशवाह और राजेश शुक्ला की भी चिंता की जा रही है।
लोटस ऑपरेशन नहीं, ऑपरेशन मनी बैक
दिग्विजय ने प्रदेश की राजनीतिक उठापटक को भाजपा का ऑपरेशन लोटस कहे जाने पर आपत्ति की और कहा कि यह ऑपरेशन मनी बैक है। बड़े-बड़े थैलों में नोट रखे गए। दिग्विजय ने कांग्रेस विधायक हरदीप सिंह डंग के इस्तीफे की खबरों को गलत बताया। उन्होंने कहा कि डंग ने पत्र लिखा है न कि इस्तीफा दिया है। सिंह ने सियासी उठापटक के बीच यह भी कहा कि जल्द ही मंत्रिमंडल विस्तार होगा।
डंग का इस्तीफा विधिसम्मत नहीं: गोविंद
सहकारिता मंत्री गोविंद सिंह ने कहा कि भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी उनकी सरकार के साथ हैं। समय आने पर वह सरकार का साथ देंगे। उन्होंने कहा कि विधायक हरदीप डंग का इस्तीफा विधिसम्मत नहीं है। यह तब तक मान्य नहीं है जब तक वह विधानसभा अध्यक्ष के सामने उपस्थित होकर उचित ढंग से अपना इस्तीफा नहीं देते।
सरकार के साथ हूं : जायसवाल
खनिज मंत्री प्रदीप जायसवाल ने एकबार फिर दोहराया है कि मैं कमलनाथ सरकार के साथ हूं। उन्होंने उन अटकलों को खारिज किया जिसमें कहा जा रहा है कि वे कमलनाथ सरकार से नाराज हैं।
सरकार स्थिर है : चौधरी
कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी ने सियासी घमासान को लेकर कहा है कि प्रदेश में सब ठीक है। सभी विधायक कमलनाथ सरकार के साथ हैं। उनका दावा है कि झूठ और लूट के पैसे से भाजपा अस्थिर करने की कोशिश कर रहे हैं जबकि कमलनाथ सरकार स्थिर है। इसी तरह कांग्रेस विधायक कमलेश जाटव ने भी कहा है कि वे कांग्रेसी हैं और कमलनाथ सरकार को कोई खतरा नहीं है।
शिवराज पर खरीद फरोख्त का आरोप
उज्जैन जिले के तराना विधानसभा क्षेत्र से विधायक महेश परमार ने आरोप लगाया है कि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान विधायकों की खरीद फरोख्त कर रहे हैं। सभी विधायक कमलनाथ सरकार के साथ हैं और भाजपा पर 15 साल में जनता को लूट-खसोट कर कमाई का पैसा गंदी राजनीति में लगा रहे हैं।
इस्तीफे पर अड़े डंग, तीनों कांग्रेस विधायक नहीं लौटे
कांग्रेस विधायक बिसाहूलाल सिंह, रघुराज सिंह कंषाना और हरदीप सिंह डंग चौथे दिन भी भोपाल नहीं लौटे। डंग ने गुरुवार को अपना इस्तीफा भेजने के बाद मौन धारण कर लिया है। इससे कांग्रेस सरकार पर संकट और भी गहरा गया है। तीनों विधायकों को बेंगलुर में भाजपा ने किसी अज्ञात स्थान पर भिजवा दिया है।
जुटा रहे संख्याबल
दिल्ली में भाजपा नेताओं ने छह घंटे तक रणनीति बनाई। सूत्रों के मुताबिक, भाजपा लगभग 12 कांग्रेस विधायकों को अपने पाले में लाना चाहती है ताकि उसके दोनों काम हो जाएं। पहला मध्य प्रदेश में वह सत्ता में वापस आ जाए और दूसरा राज्यसभा में दोनों सीटों पर उसका कब्जा बरकरार रहे।
सभी मंत्रियों को भोपाल में रहने का निर्देश, कैबिनेट विस्तार का संकेत
कमलनाथ सरकार सियासी संकट को टालने के लिए जल्द ही मंत्रिमंडल का विस्तार कर सकती है। ऐसे संकेत मिले हैं कि सभी मंत्रियों को आठ मार्च को भोपाल में रहने के निर्देश दिए गए हैं। इससे कयास लगाए जा रहे हैं कि निर्दलीय और सपा-बसपा और कांग्रेस के नाराज विधायकों को साधने के लिए कमलनाथ नए सिरे से कैबिनेट की शपथ करवा सकते हैं। शुक्रवार को कैबिनेट विस्तार के नजरिए से मंत्रियों ने इस्तीफा देने की पेशकश की थी।
संजय पाठक ने जताई हत्या की आशंका
भाजपा विधायक संजय पाठक ने दावा किया है कि उन्हें जान का खतरा है। साथ ही उन्होंने कांग्रेस में जाने की अटकलों से भी इन्कार किया है। कटनी जिले के विजयराघवगढ़ विधानसभा सीट से भाजपा विधायक संजय पाठक ने एक वीडियो बयान जारी कर मीडिया में दिखाई जा रही मुख्यमंत्री आवास पर गुरुवार देर रात उनकी और मुख्यमंत्री कमलनाथ की मुलाकात की खबरों का खंडन किया। उन्होंने कहा कि वह भाजपा के साथ हैं। इस बयान में प्रदेश के सबसे धनी विधायक पाठक ने कहा कि किसी भी तरह का भ्रम न फैलाएं, मैं भाजपा के साथ था, भाजपा के साथ हूं और भाजपा के साथ ही रहूंगा। पूरे प्रदेश के लोग देख रहे हैं कि मेरे साथ क्या हो रहा है। बस इतना ख्याल रखना कि कहीं मैं मारा नहीं जाऊं। ये लोग अपने राजनीतिक लाभ के लिए मुझे मार कर कहीं भी फेंक सकते हैं। पाठक ने अपना यह वीडियो बयान ट्वीट भी किया है।
हमारे नेता बिकाऊ नहीं : कमलनाथ
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भोपाल में आयोजित एक सामाजिक समारोह में कहा कि हमारे नेता सिद्धांतों और सेवा की राजनीति करते हैं। हमें अपनी राजनीति की ऐसी पहचान बनानी है कि हमें उस पर गर्व हो। ऐसी पहचान बनाएं कि हम छाती ठोंककर कह सकें कि हम मध्य प्रदेश से हैं। उन्होंने कहा, यहां जो नेता हैं, वे बिकाऊ नहीं हैं।