केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने और जितिन प्रसाद के भाजपा में आने पर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जानें क्या कहा
ज्योतिरादित्य के बाद भाजपा में जाने वाले जितिन प्रसाद राहुल गांधी के दूसरे सबसे करीबी नेता हैं। मध्य प्रदेश के कद्दावर नेता ज्योतिरादित्य ने पिछले साल भाजपा ज्वॉइन की थी और उनके समर्थक विधायकों के इस्तीफे के कारण कांग्रेस को एमपी सरकार भी गंवानी पड़ी थी।
भोपाल, एएनआइ। मध्य प्रदेश में इसको लेकर चर्चाएं गर्म हैं कि मोदी सरकार में ज्योतिरादित्य सिंधिया कोई बड़ा पद मिलेगा। हो सकता है कि उन्हें कैबिनेट मंत्री का पद दिया जाए। इसे लेकर उनके समर्थक काफी उत्साहित हैं। केंद्रीय मंत्रिमंडल में पोर्टफोलियो के बारे में पूछे जाने पर भाजपा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि मेरी प्राथमिकता जनसेवा है। मैंने अपने पिता और दादा के नक्शेकदम पर चलते हुए उस विचारधारा को जारी रखा हुआ है। कोई पद मिले या कोई पद न मिले लेकिन लोगों की निरंतर सेवा हमारे सिंधिया परिवार का पारंपरिक मूल्य है।
My priority is public service & continuing on that ideology, I followed the footsteps of my father & grandfather. Post or no post but constant service to people is the traditional value of our Scindia family: BJP's Jyotiraditya Scindia when asked about portfolio in Union cabinet pic.twitter.com/mzPfjk8NQK
— ANI (@ANI) June 9, 2021
जितिन प्रसाद के कांग्रेस से भाजपा में शामिल होने पर भाजपा के राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि वो मेरे छोटे भाई की तरह है। भाजपा में जितिन प्रसाद का तहे दिल से, आत्मा की गहराइयों से स्वागत करता हूं। मुझे विश्वास है कि आने वाले समय में ये भारतीय जनता पार्टी को आगे करने में पूरा योगदान करेंगे। ज्योतिरादित्य की तरह जितिन प्रसाद के पिता भी बड़े कांग्रेस नेता और केंद्रीय मंत्री रहे थे। जितिन प्रसाद औऱ ज्योतिरादित्य भी मनमोहन सिंह की सरकार में केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं। जितिन प्रसाद 2004 और 2009 में उत्तर प्रदेश में कांग्रेस से सांसद रहे थे।
ज्ञात हो कि 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले ही ऐसी अटकलें जोरों पर थीं कि जितिन प्रसाद भाजपा में जा सकते हैं। माना जाता है कि कांग्रेस हाई कमान के त्वरित हस्तक्षेप के कारण जितिन प्रसाद ने अपना फैसला तब वापस ले लिया था।
ज्योतिरादित्य के बाद भाजपा में जाने वाले जितिन प्रसाद राहुल गांधी के दूसरे सबसे करीबी नेता हैं। मध्य प्रदेश के कद्दावर नेता ज्योतिरादित्य ने पिछले साल भाजपा ज्वॉइन की थी और उनके समर्थक विधायकों के इस्तीफे के कारण कांग्रेस को एमपी सरकार भी गंवानी पड़ी थी। जितिन प्रसाद को पार्टी में शामिल करके उत्तर प्रदेश में ब्राह्मण समुदाय तक अपनी पहुंच को और बढ़ाने की रणनीति भाजपा ने चली है। इससे पहले भाजपा पीएम नरेंद्र मोदी के करीबी नौकरशाह रहे एके शर्मा को भी पार्टी में शामिल कर चुकी है।
जितिन प्रसाद 2014 और 2019 का लोकसभा चुनाव हार गए थे। उन्होंने 2017 का विधानसभा चुनाव भी लड़ा लेकिन वे हार गए। जितिन कांग्रेस के असंतुष्ट समूह "जी-23" का हिस्सा भी थे, जिसने पार्टी में व्यापक सुधार के लिए सोनिया गांधी को पत्र लिखा था। इस पत्र में जी-23 समूह ने कांग्रेस में पूर्णकालिक नेतृत्व की आवाज उठाई थी। हालांकि 'असंतोष' जताने के बाद उन्हें पश्चिम बंगाल में कांग्रेस के प्रचार अभियान से जोड़ा गया था, लेकिन इन चुनावों में कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद खराब रहा। कांग्रेस को बंगाल चुनाव में एक भी सीट नहीं मिली।